बॉलबुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले को लेकर बिहार बीजेपी ने अब महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की भूमिका की सीबीआई जांच कराए जाने की बात की है। बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ.निखिल आनंद ने कहा है कि दिशा और सुशांत की मृत्यु में साजिश की बू आती है। जिसमें महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर मुम्बई पुलिस के संरक्षण में आत्महत्या बताकर सीधे फाईल बंद करने की कोशिश की गई है। यही नहीं सुशांत की मृत्यु के बाद आरोपी पक्ष के लोगों के साथ मुम्बई पुलिस के लोगों का नजदीकी संपर्क का होना भी घोर आपत्तिजनक है।
सीबीआई द्वारा क्राइम सीन को स्थापित करने के पूर्व मुम्बई पुलिस का सुशांत के फ्लैट पर पहुँचना सबूतों से छेड़छाड़ के मकसद से किया गया सरासर अनैतिक और अनप्रोफेशनल कार्य है। इससे लगता है कि मुम्बई की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस दिशा- सुशांत की मृत्यु से लेकर अबतक महाराष्ट्र सरकार के दबाव में काम कर ही रही थी अब वो घटिया स्तर पर उतरकर सीबीआई जाँच को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। पहले से ही मुम्बई पुलिस के संरक्षण में तथ्यों को मिटाने, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने की बातें चर्चा में है।
निखिल आनंद ने कहा है कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सीबीआई को दिशा और सुशांत के मामले में मुम्बई पुलिस की भुमिका की भी जाँच करनी चाहिए, क्योंकि मुम्बई पुलिस कमीश्नर परमजीत सिंह, डीसीपी त्रिमुखे सहित अन्य पुलिसकर्मियों की भुमिका भी संदेहास्पद है। इनसे बहुत गंभीरता से गहन पूछताछ हो।
उन्होंने कहा कि सुशांत मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश के बावजूद भी महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी- कांग्रेस के नेतागण खास मकसद से अनर्गल और घटिया बयानबाजी कर मामले को राजनीतिक रंग देने में लगे है। महाराष्ट्र सरकार में शामिल गठबंधन दलों के नेताओं से अपील है कि सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए नीचले स्तर की बदजुबानी बंद करें।
निखिल आनंद ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार आरोपियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट तक जाती है तो शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत इनदिनों लगातार आरोपी पक्ष के प्रवक्ता की भूमिका में मुस्तैदी से खड़े हैं। ऐसे में दिशा और सुशांत मामले में महाराष्ट्र सरकार की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है जिसकी जाँच होनी चाहिए। सीबीआई से गुजारिश है कि दिशा और सुशांत की मौत से जुड़े सबकुछ जानने का दावा करने वाले संजय राउत और बिना माँगें अपनी बेगुनाही की सफाई देने वाले आदित्य ठाकरे से पूछताछ की जाए और जरुरत पड़ने पर नारको एनालिसिस टेस्ट भी किया जाय।