नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने ट्रैवल और होटल इंडस्ट्री (Travel and Hotel Industry) को बुरी तरह प्रभावित किया है. होटल-रिसॉर्ट संचालकों के हालात बेहद खराब हैं. ऐसे ही एक मजबूर रिसॉर्ट मालिक को तंगी से निपटने के लिए अनूठा कदम उठाना पड़ा है.
दक्षिण भारतीय राज्य केरल के एक लक्जरी रिसॉर्ट मालिक ने आर्थिक संकट के कारण डूब रहे व्यवसाय को बचाने के लिए अपने खाली पड़े स्वीमिंग पूल में मछली पालना शुरू कर दिया है.
केरल राज्य में Aveda Resort ने अपने 150-मीटर (500-फीट) लंबे स्वीमिंग पूल को फिश फॉर्म (Fish Farm) में बदल दिया है. इतना ही नहीं अब ये रिसॉर्ट मध्य पूर्व में मछलियों को निर्यात करने की योजना बना रहा है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने ट्रैवल और होटल इंडस्ट्री (Travel and Hotel Industry) को बुरी तरह प्रभावित किया है. होटल-रिसॉर्ट संचालकों के हालात बेहद खराब हैं. ऐसे ही एक मजबूर रिसॉर्ट मालिक को तंगी से निपटने के लिए अनूठा कदम उठाना पड़ा है.
दक्षिण भारतीय राज्य केरल के एक लक्जरी रिसॉर्ट मालिक ने आर्थिक संकट के कारण डूब रहे व्यवसाय को बचाने के लिए अपने खाली पड़े स्वीमिंग पूल में मछली पालना शुरू कर दिया है.
केरल राज्य में Aveda Resort ने अपने 150-मीटर (500-फीट) लंबे स्वीमिंग पूल को फिश फॉर्म (Fish Farm) में बदल दिया है. इतना ही नहीं अब ये रिसॉर्ट मध्य पूर्व में मछलियों को निर्यात करने की योजना बना रहा है.
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यह रिसॉर्ट आमतौर पर यूरोपीय यात्रियों से भरा रहता था, लेकिन महामारी ने इसके मालिकों को अपने स्वीमिंग पूल में फिश फॉर्मिंग करने पर मजबूर कर दिया. पूल में मछलियां पालने के लिए 7.5 मिलियन लीटर पानी भरा गया है.
रिसॉर्ट के महाप्रबंधक ज्योतिश सुरेंद्रन ने कहा, ‘हमारा रेवेन्यू जीरो हो गया था, इसलिए जून में हमने दो महीने की उम्र वाली लगभग 16 हजार पर्ल मछलियों को पूल में डाल दिया. अब हम नवंबर में इन मछलियों को मध्य पूर्व में निर्यात करने की योजना बना रहे हैं.’
दक्षिणी भारत और मध्य पूर्व में शौक से खाई जाने वाली इस मछली को लेकर सुरेंद्रन का दावा है कि पूल से वे 4 टन मछलियां हार्वेस्ट कर लेंगे, जिनका बाजार मूल्य 40 हजार डॉलर तक हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि जाहिर है फिश फॉर्मिंग से महामारी के कारण हुए नुकसान की भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन इससे कम से कम हमें इतनी मदद तो मिल जाएगी कि पर्यटकों के वापस आने तक हम अपना व्यवसाय जारी रख सकें.
सुरेंद्रन ने कहा, ‘हम पूल में मछली पालन करना जारी नहीं रख सकते हैं लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि हम इसके लिए वैकल्पिक जमीन की तलाश कर लें. ताकि हम अपने इस अनुभव का उपयोग भविष्य में किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए कर सकें.’
(इनपुट: एएफपी)