लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूरों और देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को घर पहुंचाने वाले सोनू सूद अब गरीब बच्चों की मदद करेंगे। उन्होंने अपनी मां सरोज सूद के नाम पर एक स्कॉलरशिप शुरू की है, जो गरीब बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए दी जाएगी। इसके लिए सोनू ने बकायदा एक ईमेल एड्रेस भी शेयर किया है।

सोनू ने दिया एक नया नारा

इस स्कॉलरशिप के बारे में बताते हुए सोनू ने एक नया नारा देते हुए कहा – ‘हिंदुस्तान बढ़ेगा तभी, जब पढ़ेंगे सभी!’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बच्चों को उनकी हायर एजूकेशन में मदद करूंगा। मुझे यकीन है कि पैसों की कमी किसी को भी अपने सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बननी चाहिए। जो भी बच्चे ऐसी स्कॉलरशिप चाहते हैं वे मुझे अगले 10 दिन में [email protected] पर मेल करें और मैं उनकी मदद के लिए तैयार रहूंगा।

किन लोगों को मिलेगी स्कॉलरशिप

सोनू कहते हैं, “ऐसे परिवारों से आने वाले स्टूडेंट्स, जिनकी सालाना इनकम दो लाख रुपए से कम है, वे स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। शर्त सिर्फ एक ही है कि उनका एकेडमिक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए। उनके सभी खर्चे, जैसे कि कोर्स और होस्टल की फीस और खाने तक की जिम्मेदारी हम उठाएंगे।”

ਸੋਨੂੰ ਸੂਦ ਵੱਲੋਂ ਅਪਣੀ ਮਾਂ ਦੇ ਨਾਂਅ 'ਤੇ ਗਰੀਬ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਸਕਾਲਰਸ਼ਿਪ ਦਾ ਐਲ਼ਾਨ

किन सब्जेक्ट में मिलेगी स्कॉलरशिप?

सोनू सूद की यह स्कॉलरशिप मेडिसिन, इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स एंड ऑटो-मोशन साइबर सिक्युरिटीज, डाटा साइंस, फैशन और बिजनेस स्टडीज जैसे कोर्स के लिए मिलेगी।

कैसे आया ये आइडिया?

एक बातचीत में सोनू ने बताया- बीते कुछ महीनों के दौरान मैंने देखा कि तंगी में जिंदगी गुजार रहे लोगों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ रहा है। कुछ के पास ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने के लिए फोन नहीं हैं। कुछ के पास फीस भरने के पैसे नहीं हैं। इसलिए मैंने अपनी मां प्रोफेसर सरोज सूद के नाम से स्कॉलरशिप शुरू करने के लिए देशभर की यूनिवर्सिटीज से टाईअप किया।

मुफ्त शिक्षा देती थीं उनकी मां सरोज

सोनू आगे कहते हैं- मां मोंगा (पंजाब) में मुफ्त शिक्षा दिया करती थीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं उनके काम को आगे लाकर जाऊं। मुझे लगा कि इसका सही समय यही (लॉकडाउन और कोरोना के बाद) है।”

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