पटना पुलिस ने गुरुवार को जानवरों की तस्करी से जुड़े एक गिरोह को पकड़ा है. पुलिस ने तस्करों को टोके गेको दुर्लभ प्रजाति की एक छिपकली की तस्करी करते हुुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार होने केे बाद तस्करों के पास से जो छिपकली मिली है उसे बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का बताया जा रहा है. छिपकली की बाजार किमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है. पटना पुलिस के लिए यह एक बड़ी कामयाबी है . इसलिए लोग इसका व्यापार अवैध रूप से करते है ताकि ज्यादा मुनाफा कमा सकें. बिहार में जंगली जानवरों की तस्करी को लेकर बढ़ती घटनाओं को देख पुलिस अब हरकत में नजर आ रही है. इसी के तहत राजधानी पटना में पुलिस को यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
आपको बता दें कि टोके गोके प्रजाति भारत सही कई अन्य देशों में दुर्लभ प्रजाति है. जिसके चलते भारत में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत इस प्रजाति की छिपकली का व्यापार करना अवैध है . अगर कोई व्यापार करता है तो उसे तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. इस प्रजाति की छिपकली का इस्तेमाल दवाईयां और तेल तैयार करने के लिए किया जाता है जो मुख्य रूप से त्वचा और किडनी की रक्षा के लिए काम आता है.
क्यों है छिपकली की इतनी कीमत
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक टोके गेको प्रजाति की इस छिपकली को विदेश भेजने की तैयारी थी. विदेश में इस छिपकली की काफी डिमांड है. दरअसल छिपकली की इस खास प्रजाति से ब्लड कैंसर की दवाएं बनाई जाती है. सूत्रों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचते-पहुंचते इस छिपकली की कीमत एक करोड़ से भी अधिक हो जाती है. फिलहाल वन विभाग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. शुरुआती जांच और तस्करों से पूछताछ में जो बातें सामने आई है, उसके मुताबिक इस रैकेट का संबंध इंटरनेशल गैंग से हो सकता है.