गया और मुजफ्फरपुर के लिए आद्री व अन्य संगठनों द्वारा तैयार ‘स्वच्छ हवा कार्ययोजना’ को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को वचरुअल समारोह में जारी किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि हावर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि वायु में पीएम 2.5 कण की एक फीसद की वृद्धि होने पर कोविड संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि प्रदूषण की समस्या को देखते हुए मुजफ्फरपुर और गया में नए डीजल वाहनों के निबंधन पर रोक लगा दी गई है। दोनों शहरों में केवल पेट्रोल, सीएनजी व इलेक्टिक वाहनों का ही निबंधन होगा। इसके अलावा आइआइटी, दिल्ली के साथ मिलकर पटना में सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी।

कहा कि अगले तीन महीने में 30 करोड़ की लागत से 23 जिलों में 24 नए वायु मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। फिलहाल पटना में छह, गया व मुजफ्फरपुर में दो-दो और हाजीपुर में एक मॉनिटरिंग स्टेशन वायु गुणवत्ता मापने का कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बिहार में कुल 35 स्टेशन काम करने लगेंगे। भारत सरकार ने पटना के अलावा गया और मुजफ्फरपुर को भी सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले शहरों की सूची में रखा है। रिपोर्ट में पाया गया है कि गया और मुजफ्फरपुर में परिवहन की वजह से 21 से 23 फीसद, सड़क व भवन निर्माण एवं निर्माण सामग्रियों के परिवहन से 11 से 13 फीसद और फसल अवशेष व कचरा जलाने से छह फीसद वायु प्रदूषण होता है।

Source : Dainik Jagran

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