प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिट इंडिया मूवमेंट के एक साल पूरा होने पर कई हस्तियों से बात की। इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और पैरालिंपियन देवेंद्र झाझरिया के अलावा मॉडल, रनर और ऐक्टर मिलिंद सोमन, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट को अपनी फिटनेस की सीक्रेट रेसिपी मोरिंगा के पराठे के बारे में भी बताया।
पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के संग फिट इंडिया मुहिम पर चर्चा की। इस दौरान रुजुता ने बताया कि हम जो सामान्य खाना खाते हैं, उसका सेवन करके भी हम फिट रह सकते हैं क्योंकि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं। पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान बताया, ‘मेरी भी एक रेसिपी है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वह फिट रहने के लिए मोरिंगा (सहजन के पत्ते) के पराठे बनाकर खाते हैं। पीएम ने बताया कि वह हफ्ते में एक या दो बार इसको खाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह पब्लिक के लिए जरूर इस रेसिपी को रखेंगे।
पीएम की मां पूछती हैं, ‘हल्दी लेता है या नहीं’
पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से बातचीत के दौरान बताया कि वह कोरोना वायरस के इस मुश्किल दौर में अपनी मां से हफ्ते में 2-3 बार बात करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं अपनी मां को फोन करता हूं तो वह पूछती हैं कि हल्दी लेते हो या नहीं।’
जानें- क्या है मोरिंगा
मोरिंगा एक पौधा है, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के क्षेत्रों में मुख्य रूप से पाया जाता है। यह उष्ण कटिबंध में भी उगाया जाता है। मोरिंगा को हिंदी में सहजन, सुजना, मुनगा आदि नामों और अंग्रेजी में Moringa (मोरिंगा) या Drumstick tree (ड्रमस्टिक) भी कहते हैं। औषधि या दवाएं बनाने के लिए इसके पेड़ के पत्ते, छाल, फूल, फल, बीज और जड़ सभी चीजों का उपयोग किया जाता है।
मोरिंगा के फायदे (Moringa Benefits)
मोरिंगा में प्रोटीन्स, विटामिंस और मिनरल्स भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से भी बचाता है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण सहजन सब्जी का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसकी पत्तियों से तैयार पाउडर भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। शुरुआती शोध से पता चलता है कि 3 सप्ताह तक रोजाना 3 ग्राम मोरिंगा लेने से अस्थमा के लक्षणों की गंभीरता कम हो जाती है। हल्के से मध्यम अस्थमा वाले वयस्कों में फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।