शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir singh Badal) ने कृषि बिल (Farm Bills) को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पंजाब के मुक्तसर में एक कार्यक्रम के दौरान सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराकर उसे हिला दिया था. अकाली दल के एक बम (हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा) ने मोदी सरकार को हिला दिया है.’ सुखबीर सिंह ने आगे कहा, ‘पिछले 2 महीनों में किसानों पर कोई एक शब्द नहीं बोलता था. लेकिन अब इस पर सरकार के 5-5 मंत्री बोल रहे हैं.’
कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब, हरियाणा के किसानों ने शुरू किया प्रदर्शन
संसद में हाल में पारित किए गए विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ आहूत ‘पंजाब बंद’ के तहत किसानों ने शुक्रवार को प्रदर्शन शुरू कर दिया. पूर्णतया पंजाब बंद के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के तत्वावधान में 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है. बंद को भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी, किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण), किसान मजदूर संघर्ष समिति एवं भाकियू (लखोवाल) आदि संगठनों ने समर्थन दिया है.
भाकियू समेत हरियाणा में कई संगठनों ने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापारी हड़ताल को समर्थन दिया है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी आप ने किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है, वहीं शिरोमणि अकाली दल ने सड़क मार्ग बाधित करने की घोषणा की है. राज्य में कई स्थानों पर किसान यातायात रोकने के लिए सड़कों पर एकत्रित हो गए हैं. अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले महिला प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन रैली निकाली.
#WATCH "During World War II, the US shook up Japan with an atomic bomb. Akali Dal's one bomb (resignation of Harsimrat Kaur Badal) has shaken up Modi. For past two months, there was no word on farmers, but now 5-5 ministers speak on it,": SAD's Sukhbir S Badal in Muktsar, Punjab pic.twitter.com/8ikbh093ii
— ANI (@ANI) September 25, 2020
पंजाब में शुक्रवार सुबह कई स्थानों पर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. दुकानदारों से किसानों के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखने की अपील की गई है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि किसान राज्य के 150 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर, टैक्सी चालकों समेत कई लोगों का समर्थन मिल रहा है. पंजाब बंद को सरकारी कर्मचारियों के संघों, गायकों, श्रमिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन मिल रहा है. किसानों ने विधेयकों के खिलाफ बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और पटरियों पर धरना दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोना वायरस से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है. एक बयान में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी. प्रदर्शनकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा. किसानों ने कहा है कि जब तक तीनों विधेयक वापस नहीं लिए जाते, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
संसद ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को इसी सप्ताह पारित किया.
Source : News18