रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति देने के लिए अब निजी क्षेत्र को भी गोला-बारुद बनाने की अनुमति दी है। इसी कड़ी में गुरुवार को पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनी इकोनामिक एक्सप्लोजिव्स लिमिटेड (ईईएल) के साथ हैंड ग्रेनेड की आपूर्ति को लेकर करार किया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार ईईएल भारतीय सेना को 10 लाख मॉडर्न हैंड ग्रेनेड की सप्लाई करेगी। ये मल्टी मॉड हैंड ग्रेनेड होंगे जिनकी आपूर्ति दो साल के भीतर करनी होगी। इस सौदे की कुल लागत 409 करोड़ रुपये है।

रक्षा सुत्रों ने बताया कि यह अत्याधुनिक हैंड ग्रेनेड सेना में पुराने जमाने के हैंड ग्रेनेड की जगह लेंगे। इसकी तकनीकी डीआरडीओ ने विकसित की है। उसकी टर्मिनल बैलेस्टिक रिसर्च लैबोरेट्री ने इन्हें डिजाइन किया है तथा देश में निर्मित ये बेहतरीन हैंड ग्रेनेड साबित होंगे। उधर, सोलर ग्रुप के चेयरमैन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सत्यनारायण नुवाल के मुताबिक यह मल्टीमॉडल हैंड ग्रेनेड एक ऐसा रक्षा उत्पाद है जो उपयोग और परिवहन में आसान है। 2016 में उसने यह तकनीक डीआरडीओ से हासिल की थी। उसके बाद इनका निर्माण और परीक्षण कार्य किया गया जो सफल रहा है। भारतीय सेना की निगरानी में इसका समतल स्थल, पहाड़ी इलाकों , ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ ही रेगिस्तान में भी सफल परीक्षण किया गया।

बता दें कि हाल में एक निजी कंपनी को पिनाका मिसाइल बनाने का कार्य भी दिया गया है। कई अन्य हथियारों की निर्माण की अनुमति भी निजी क्षेत्र को दी गई है

Input : Live Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD