जंक्शन के पश्चिमी सिरे पर 5 वर्षों से बनकर तैयार आरआरआई (रूट रिले इंटरलाॅकिंग) सिस्टम को जनवरी 2021 तक हर हाल में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, यार्ड रिमॉडलिंग काे लेकर एक दशक पुरानी प्लानिंग पर छठ बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा। दो नए प्लेटफाॅर्म व एक नंबर प्लेटफाॅर्म का एप्रन मार्च तक तैयार करना। ये फैसले बुधवार काे सोनपुर मंडल के डीआरएम अनिल गुप्ता के साथ जंक्शन पर हुई रेल अधिकारियों की समीक्षा बैठक में लिए गए। डीआरएम ने अधिकारियों के साथ यार्ड के अलावा आरआरआई माड़ीपुर ओवरब्रिज के समीप स्थित पॉइंट समेत अन्य तकनीकी पॉइंट का स्थल निरीक्षण किया। उन्हाेंने बताया कि आरआरआई व यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य चल रहा है। भारत वैगन की ओर से यार्ड तक पहुंचने के लिए लाइन तैयार की गई है। ये दोनों कार्य जनवरी तक पूरे कर लिए जाएंगे।
आरआरआई सिस्टम शुरू हो जाने से जंक्शन पर एक साथ दो-तीन ट्रेनें आ सकेंगी। आउटर सिग्नल पर ट्रेनों को रोकना नहीं पड़ेगा। इससे यात्रियों को समय की बचत होगी एवं ट्रेनें समय से चलेंगी। जंक्शन पर अभी 6 प्लेटफाॅर्म हैं। मार्च-अप्रैल तक दाे नए प्लेटफाॅर्म बन जाएंगे। बैठक व स्थल निरीक्षण में एडीआरएम अरुण कुमार, पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर व सोनपुर मंडल के अन्य अधिकारी, एरिया अधिकारी एके पांडेय, एसएस राजीव प्रियदर्शी आदि डीआरएम के साथ थे।
छठ बाद बिछेगा एप्रन, इसके लिए 45 दिनों का लिया जाएगा ब्लाॅक
डीआरएम ने अधिकारियों के साथ प्लेटफाॅर्म एक पर लगे सिग्नल व लाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस प्लेटफार्म पर छठ के बाद एप्रन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए 45 दिनों का मेगा ब्लॉक लेना होगा और प्लेटफाॅर्म एक पर ट्रेनें नहीं चलेंगी।
एप्रन बिछने से ट्रैक की ऊंचाई बढ़ जाएगी और पानी लगने की समस्या खत्म हो जाएगी। बता दें कि इसका 3 बार टेंडर हाे जाने पर भी ब्लॉक नहीं मिलने से टेंडर रद्द हो गया था। चौथी बार फिर से एप्रन का टेंडर हुआ है। इसे छठ बाद शुरू करने की याेजना है।
एसआईपी-ईएसपी को लेकर दो वर्ष लटका, उसके बाद रफ्तार रही धीमी
आरआरआई का भवन 2015 में ही बन कर तैयार हो गया। लेकिन, एसआईपी और ईएसपी की मंजूरी नहीं मिलने से आगे का काम लटका रहा। 2018 में जंक्शन का निरीक्षण कर पूमरे के जीएम एलसी त्रिवेदी ने एसआईपी-ईएसपी को तुरंत मंजूरी देने के लिए इंजीनियरिंग व सिग्नल विभाग से प्लान बनाकर भेजने काे कहा।
प्लान काे जीएम से हरी झंडी मिलने पर मंजूरी के लिए सीआरएस को भेजा गया। 3 महीने बाद सीआरएस ने भी मंजूरी दी। उसके बाद केबल बिछाने का काम सिग्नल विभाग ने शुरू किया। 6 महीने में कार्य पूरा करने का टारगेट जीएम द्वारा दिया गया था, लेकिन रफतार धीमी रहने से 2 साल में भी पूरा नहीं हो सका है।
कोच इंडिकेटर दुरुस्त नहीं, एरिया अधिकारी को लगी फटकार
जंक्शन पर लगे कोच इंडिकेटर सिस्टम के काम नहीं करने के मामले में डीआरएम अनिल कुमार गुप्ता ने बुधवार को एरिया अधिकारी को फटकार लगाई। उन्होंने जल्द से जल्द कोच इंडिकेटर को दुरुस्त करने का अधिकारियों को निर्देश दिया। डीआरएम ने रेलवे अधिकारियों पर नाराजगी वक्त करते हुए कहा कि पहले भी कोच इंडिकेटर काम नहीं करने की शिकायत आई थी।
उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि कोच वहीं खड़ी होनी चाहिए, जहां कोच इंडिकेटर जानकारी देता है। एरिया अधिकारी ने डीआरएम को जानकारी दी कि प्लेटफॉर्म संख्या एक और दो एक ही प्लेटफॉर्म पर है जिसके कारण कोच इंडिकेटर पर दी जाने वाली जानकारी और कोच रुकने के स्थान में बदलाव हो जाता है। जबकि प्लेटफॉर्म तीन और चार पर कोच इंडिकेटर सही तरीके से काम कर रहा है।
Source : Dainik Bhaskar