न भव्य पंडाल, न बड़ी मूर्तियां, न मेला…पर श्रद्धालुओं की आस्था परवान पर। नवरात्र की सप्तमी पर शुक्रवार को शहर से देहात तक मां दुर्गा के नेत्र पट खुले। मां कालरात्रि की पूजा की गई। रमना स्थित मां राजराजेश्वरी देवी मंदिर, मां बगलामुखी पितांबरी सिद्ध पीठ, गोला दुर्गा स्थान मंदिर, मिठनपुरा चौक माई स्थान, मां मनोकामना दुर्गा देवी मंदिर, जूरन छपरा महामाया स्थान, बीबीगंज महामाया स्थान एवं अपराजिता मंदिर समेत सभी देवी मंदिर व लाेगाें ने घर में मां की पूजा-अर्चना की।
इस दौरान भक्तों का उमंग और उनकी श्रद्धा देखते बन रही थी। दोपहर तक ही सप्तमी तिथि रहने के कारण सुबह से ही भक्त पूजा में जुटे रहे। शाम ढलते ही भक्त अपने आसपास के मंदिरों और पूजा स्थलाें पर मां के दर्शन के लिए निकल पड़े। मंदिरों में कोविड प्राेटाेकाॅल का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है। शहर में कुछ जगहाें पर मां की छोटी मूर्ति बैठाकर पूजा हो रही है। संध्या में महिलाओं ने मंदिरों में दीप जला कर मां की आरती की।
मेला लगाने, सामूहिक प्रसाद वितरण पर रोक
जिला प्रशासन ने दुर्गापूजा में मेला लगाने और सामूहिक प्रसाद वितरण पर रोक लगा रखी है। मूर्तियां रखे जाने वाले स्थानों को छोड़ अन्य भाग खुला रखना है। पूजा स्थल के आसपास खाद्य पदार्थों का स्टॉल नहीं लगा सकते। पूजा समितियां आमंत्रण पत्र भी जारी नहीं कर सकते। आयोजकों के लिए पर्याप्त सैनिटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य है। श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इसे लेकर डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी जयंतकांत ने आदेश जारी किया है। सभी एसडीओ को इसका अनुपालन करने की जिम्मेदारी दी गई है। डीएम ने अधिकारियों को विधि व्यवस्था कायम रखने और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। पूजा स्थलों पर अश्लील, भड़काऊ कैसेट नहीं बजाए जाएंगे।
डीजे पर पूरी तरह से रोक है। सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा। किसी भी मैदान, होटल, क्लब आदि में गरबा, डांडिया, रामलीला नहीं होंगे। रावण, मेघनाद या कुंभकर्ण आदि के पुतले नहीं जलाए जाएंगे। सभी मंदिर प्रबंधकों और पूजा समितियाें के लिए कोविड को लेकर गृह विभाग के आदेश का अनुपालन जरूरी है। अनुपालन नहीं होने पर किसी भी क्षति की जिम्मेदारी आयोजकों, व्यवस्थापकों और समितियों की होगी।
Source : Dainik Bhaksar