मुजफ्फरपुर. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दूसरे चरण के मतदान में कुछ ही दिन बाकी हैं. इसके बावजूद मुजफ्फरपुर में कई ट्रांसजेंडरों के वोटर आईडी कार्ड नहीं बने हैं. ऐसे में उनका वोट देना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. आपको बता दें कि कमेटी ने छूटे ही ट्रांसजेंडरों के मतदाता पत्र बनवाने का फैसला लिया था लेकिन अब भी कई ट्रांसजेंडरों के मतदाता पत्र नहीं बने हैं.
इस मामले को लेकर ट्रांसजेंडर कल्याण समिति के सदस्य सचिव सह बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रदीप कुमार ने कहा कि ट्रांसजेंडर का मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए बीएलओ को उनके इलाके में भेजा गया था लेकिन स्थायी या स्थानीय ठिकाना या कागजात उपलब्ध न होने से एक का भी फाॅर्म नहीं भरा सका. अब चुनाव बाद ही उनका पहचान पत्र बन सकेगा.
ट्रांसजेंडरों के वोटर आईडी कार्ड बनवाने के लिए सितंबर में जिले में ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में सुविधा केन्द्र बनाया गया था. इसमें कमेटी ने सबसे पहले छूटे हुए ट्रांसजेंडरों का मतदाता पत्र बनवाने का निर्णय लिया था. निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 87 ट्रांसजेंडर मतदाता बने हैं. छूटे हुए ट्रांसजेंडरों की खोज कर मतदाता सूची में नाम जोड़वाना और पहचान पत्र दिलवाना था लेकिन अभी तक कई ट्रांसजेंडर इससे वंचित हैं.
ट्रांसजेंडर कमेटी की सदस्य मोनी कुमारी ने कहा कि स्टेशन और यहां-वहां रहकर गुजारा करती हूं. स्थानीय ठिकाना न होने के कारण मेरे साथ करीब 10-12 लोग फाॅर्म नहीं भर सके हैं. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर वोटिंग हो चुकी हैं. 3 नवंबर को दूसरे चरण में 94 सीटों पर मतदान होगा.
Source : Hindustan