बिहार के गांवों तक नई रोशनी पहुंचने वाली है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गांवों की गलियों और सड़कों को सोलर स्ट्रीट लाइट से जगमग करना है। योजना पर काम शुरू भी हो गया है, लेकिन सरकार ने पिछले अनुभव के आधार पर इस बार नए ढंग से काम शुरू करने की तैयारी कर ली है।
पंचायत के मुखिया के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन होना है। इस पर किस्म-किस्म की चर्चा शुरू है। पर सरकार ने चर्चा को भांप कर अभी से कुछ फूलप्रूफ इंतजाम कर दिए हैं। मुखिया को ही तय करना है कि सोलर स्ट्रीट लाइट कौन सी एजेंसी लगाएगी। इसका भुगतान भी मुखिया के माध्यम से होना है, लेकिन मुखिया को बिहार रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) के दिशानिर्देश के आधार पर कामकाज करना है। सरकार ने यह तय किया है कि मुखिया को बिहार रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) की सूची में शामिल कंपनियों में से किसी को ही अपने गांव को रोशन करने का जिम्मा देना होगा। ब्रेडा ने कंपनियों की डायरेक्ट्री बनानी शुरू कर दी है।
ब्रेडा के तकनीकी अनुभव का लेना है लाभ
गांव की गलियों को सोलर स्ट्रीट लाइट से जगमग करने की योजना इसी वर्ष शुरू होनी है। सात निश्चय-2 के तहत इसका क्रियान्वयन होना है। गांव में पंचायती राज के तहत जो व्यवस्था है उसके माध्यम से ही यह काम होना है। पंचायतों के मुखिया के पास इस तरह की विशेषज्ञता नहीं कि वह खुद सोलर लाइट के लिए अच्छी एजेंसी तय कर सकें। उनके पास इस तरह का कोई तंत्र भी नहीं जो उनकी मदद करे। डर यह भी था कि अगर गलत कंपनी से सोलर लाइट व उसके उपकरणों की खरीद कर ली जाए और फिर बाद में वह कंपनी गुम हो गयी तो मामला फंस जाएगा।
- सात निश्चय-2 के तहत सभी गांवों में लगेंगी स्ट्रीट लाइट
- मुखिया तय करेंगे कौन सी एजेंसी लगाएगी लाइट
’ ब्रेडा अपने विशेषज्ञों के माध्यम से देश की उन अग्रणी कंपनियों की डायरेक्ट्री बनाएगा जो सोलर लाइट के क्षेत्र में बड़े नाम हैं।
’ इसके अतिरिक्त एलईडी लाइट व सोलर सिस्टम के अन्य उपकरण के निर्माण से जुड़े काम करने वाले का नाम भी डायरेक्ट्री में शामिल होगा।
’ डायरेक्ट्री में दर का भी जिक्र होगा। गांव के मुखिया अपने इलाके में सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए इसी डायरेक्ट्री से नाम तय करेंगे।
’ उन्हें कंपनी तलाशने के झंझट में नहीं डाला जाएगा। जो कंपनी सोलर लाइट लगाएगी उनके जिम्मे ही पांच वर्षो तक रखरखाव का भी काम होगा।
Source : Dainik Jagran