विधान पार्षद सह सूबे के नए उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन का समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर से से गहरा नाता है। वे मूल रुप से समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड अंतर्गत बुजुर्ग द्वार के रहने वाले हैं। वहीं उनकी ननिहाल मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के सुजावलपुर गांव में है। उनकी दो बहनें समस्तीपुर शहर के धर्मपुर और मुसरीघरारी के चौसीमा में रहती हैं। बुजुर्गद्वार में आज भी उनके परिवार के कई सदस्य रहते हैं।
मंत्री बनाए जाने पर खुशी की लहर :
भारतीय जनता पार्टी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को बिहार विधान परिषद सदस्य बनाया गया। फिर मंगलवार को हुए नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें उद्योग मंत्री बनाया गया है। इससे समस्तीपुर और मुजफ़्फरपुर जिले में खुशी की बिशेष लहर हैं।
आते रहते पैतृक गांव :
बता दें कि भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के पिता नासिर हुसैन शिक्षक थे। वे सुपौल जिले में पदस्थापित थे। इस वजह से वे अपने पिता के साथ सुपौल में ही पले-बढे। वहां भी उनका मकान है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सुपौल में ही हुई। लेकिन आज भी वे अपने गांव बुजुर्ग द्वार को नहीं भूले। परिवार में शादी-व्याह हो या फिर कोई अन्य कार्यक्रम उसमें वे जरूर शामिल होते हैं। वे अपने पैतृ़ृक घर के साथ-साथ साल में एक-दो बार अपने बहन-बहनोई से मिलने के लिए भी जरूर आते हैं।
नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ प्रगाढ संबंध :
समस्तीपुर शहर के धर्मपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक खालिद विन हैदर उनके बहनोई हैं। यही वजह है कि यहां के अधिकांश नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ उनका प्रगाढ संबंध है। वे अधिकांश नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। किशनगंज एवं भागलपुर से जब वे लोकसभा का चुनाव लड़े तो यहां के करीब पचास से अधिक कार्यकर्ता ने उनके चुनाव प्रबंधन की कमान संभाल रखी थी। पार्टी के द्वारा विधान परिषद के लिए उनके नाम की घोषणा किए जाने के साथ यहां के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। भाजपा नेता शशिकांत आनंद कहते हैं कि सैयद शाहनवाज हुसैन समस्तीपुर के लाल हैं। इनके मंत्री बनने से लोगों की अपेक्षा बढ़ी है।
ननिहाल में बीता बचपन :
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड अंतर्गत सुजावलपुर गांव में मंगलवार को सैयद शाहनवाज हुसैन के मंत्री बनने पर खुशी का माहौल रहा। लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया तथा भाजपा नेतृत्व को धन्यवाद दिया। बताते चलें कि सैयद शाहनवाज हुसैन का बचपन ननिहाल में ही गुजारा। उनके मामा वकील थे तथा एक चचेरे मामा 45 साल तक मछही पंचायत के सरपंच रहे हैं। वे काफी बीमार चल रहे हैं। इसके बावजूद उनके घर में खुशी का माहौल दिखा। पूर्व सरपंच फसीहउर रहमान लुर की मानें तो हुसैन का बचपन ननिहाल में ही गुजरा। उनकी पढ़ाई गांव के ही उर्दू प्राथमिक विद्यालय में हुई। गांव के लोग उन्हें बहुत प्यार देते हैं। उनकी खुशमिजाजी के सभी कायल हैं। मो. आरिफ हुसैन उनके बहनोई हैं जिन्होंने उनके साथ काफी वक्त गुजारा है। उनका कहना है कि हुसैन इंजीनियरिंग कर अपना कॅरियर बनाना चाहते थे, लेकिन नसीब में कुछ और ही था। गांव के रौंदी राम कहते हैं कि नसीमा के बेटे को हम गोद में रखकर खूब घूमाते थे। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा सुजावलपुर उर्दू प्राथमिक विद्यालय में ग्रहण की। मिडिल स्कूल की पढ़ाई प्राथमिक मध्य विद्यालय सकरा से की। माध्यमिक कक्षा की तालीम के लिए उन्होंने सुपौल की राह पकड़ी। हुसैन का लगाव सुजावलपुर गांव से हमेशा रहा है। वे जब भी अपने दादी के घर बुजुर्ग द्वार जाते हैं तो सकरा को नहीं छोड़ते। सकरा के हर कार्यक्रम में वह निश्चित रूप से आते हैं ताकि उनका लोगों से जुड़ाव लगा रहे। गांव के कब्रिस्तान में जाकर वे अपने नाना-नानी के लिए दुआ करते हैं। यहां के लोगों से लगाव होने के कारण उनके सुख-दुख में मदद भी करते हैं। इतना ही नहीं सामाजिक कार्यों में भी इनकी भूूमिका रहती है। ममेरे बहनोई इकबाल फिरोज, इरशाद हुसैन ,ममेरे भाई सैयद इमरान समेत अन्य लोगों ने उनके मंत्री बनने पर खुशी का इजहार किया।
Source : Dainik Jagran