मुजफ्फरपुर, अमरेंद्र तिवारी : आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने रविवार को मुजफ्फरपुर के कलमबाग चौक पर संस्कृति उत्थान समिति की ओर से निर्मित मधुकर निकेतन के लोकार्पण समारोह में संघ की गतिविधियों व शाखा से व्यक्ति निर्माण विषय पर चर्चा की। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम डंडे वाली नहीं, प्रेम वाली संस्कृति में विश्वास करते हैं। मानवता और देश की रक्षा हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच हजार वर्षों से आए उतार-चढ़ाव के बावजूद ङ्क्षहदू समाज के जीवन मूल्य अबतक नहीं बदले हैं। भारतीय संस्कृति अब भी मजबूती से खड़ी है। पहले भी हमारे पास बल था, आज भी बल है और आगे भी रहेगा। यूनान, मिश्र, रोम सब मिट गए जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। संघ प्रमुख ने इस दौरान मधुकर निकेतन का निर्माण करने वाले वास्तुविद व कारीगरों को सम्मानित किया।
पैदल ही किया शहर का भ्रमण
पुराने दिनों की याद ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि वे पैदल शहर के बालूघाट, सूतापट्टी सहित अन्य मोहल्लों का भ्रमण करते थे। कभी साइकिल तो कभी बाइक भी मिल जाती थी। एक बार पूर्णिया से बस से एक सीट पर दो व्यक्ति बैठकर आए थे।
मधु़कर निकेतन की चर्चा करते हुए कहा कि यह भवन 20 साल के काम को ध्यान में रखकर बना है। यहां से स्वच्छता, अनुशासन, भाईचारा, समर्पण का भाव लेकर लोग जाएं, यह पहल होनी चाहिए।
हम सबके हैं सब हमारे हैं
भागवत ने कहा कि हम सबके और सब हमारे हैं यहीं भारतीय संस्कृति है। इसलिए हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। डॉ.हेडगवार में एक सौ प्रतिशत संघ दिखता था। हर स्वयंसेवक अपने में संघ है। संघ में बने रहने के लिए त्याग, तपस्या व लोभ को छोडऩा पड़ता है।
पुस्तक लोकार्पण व वास्तुविद सम्मानित
मधुकर निकेतन के निर्माण करने वाले वास्तुविद विपुल कुमार,,राजमिस्त्री मो. दस्तगीर, बढ़ई संजय शर्मा, बिजली मिस्री धर्मेद्र्र कुमार,टाइल्स मिस्री पंकज और प्लंबर मो. वसीम को संघ प्रमुख ने अपने हाथों से अंगवस्त्रम् और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने पूर्व आइपीएस प्रकाश नाथ मिश्र लिखित ‘शताब्दी से सहस्राब्दीÓ पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति उत्थान समिति के कोषाध्यक्ष चंद्रमोहन खन्ना चन्नी ने किया। भवन का विवरण समिति के प्रांतीय अध्यक्ष गौरीशंकर प्रसाद ने दिया।
सर संघचालक को सुनने के लिए एक कतार में बैठे आम और खास
मधुकर निकेतन में रविवार को जुटे जनप्रतिनिधियों को न तो खुद के सम्मानित होने का इंतजार था, न भाषण की चिंता। इन सबमें संघ प्रमुख मोहन भागवत को सुनने के लिए हॉल में बस एक कुर्सी मिल जाए इसकी चिंता दिखी। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय हों या भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सांसद अजय निषाद, संगठन मंत्री नागेंद्र, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार या फिर कार्यकर्ता केशव चौबे, निर्मला साह सहित सभी आम और खास सब सर संघचालक को सुनने के लिए एकसाथ, एक कतार में बैठे दिखे।
पीछे की कतार में दिखे सांसद, विधायक :
कार्यक्रम में पहुंचे ढाका के विधायक पवन जायसवाल व दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने तो सबसे पीछे की कतार में बैठकर भागवत को सुना। भाजपा नेता मनीष कुमार ने कहा कि यहीं हमारी संस्कृति व अनुशासन है, जो दिख रही। अपने आप में किसी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहने वाले माननीय आम कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर सर संघचालक को सुन रहे हैं।
कार्यक्रम मे इनकी रही भागीदारी :
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक रामकुमार, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मंत्री राय ग्लोक बिहारी, संघचालक सिद्धिनाथ सिंह, प्रांत संघचालक विजय जायसवाल, क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, समिति सचिव दयाशंकर ठाकुर, अजय कुमार ठाकुर, सह संगठन महामंत्री शिवनारायण, रत्नाकर, डिप्टी सीएम रेणू देवी, तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री रामसूरत राय, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा,कला संस्कृति मंत्री आलोक झा, विधि एवं गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री राणा रणधीर, विधान पार्षद बबलू गुप्ता, विधायक नीतीश मिश्रा, संजय सरागवी, संजय सिंह, पूर्व विधायक बेबी कुमारी प्रचार प्रमुख संजीव सिंह, बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ. हनुमान प्रसाद पांडेय , प्राचार्य. डॉ ममता रानी, प्राचार्य डॉ. ओपी राय, पूर्व विधायक बेबी कुमारी, प्रभात कुमार, श्यामसुंदर भीमसेरिया, शिवशंकर साहू, भरत अग्रवाल, रामकुमार झा, निगम पार्षद केपी पप्पू, डॉ. मनोज सिंह, नचिकेता पांडेय, प्रभात कुमार, रविरंजन उर्फ टिंकू शुक्ला, रितूराज, प्रवीण सिंह रितुराज बिहारी पासवान, बिपूल कुमार, मुख्य रूप से शामिल रहे।
Source : Dainik Jagran