2 फरवरी को बिहार कैबिनेट ने 6 डॉक्टरों को अवैध रूप से गैरहाजिर बताकर बर्खास्त किया था। इसमें से एक डॉक्टर पिछले 16 साल 9 महीने यानी, अप्रैल 2004 से इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में बाकायदा सेवा दे रही हैं। गोपालगंज में RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद के गांव फुलवरिया में उनकी मां के नाम पर बने मरछिया देवी रेफरल अस्पताल में बतौर चिकित्सा पदाधिकारी जॉइन करने के बाद डॉ. संगीता पंकज गायब हो गई थीं।
पद से बर्खास्तगी के अब आए सरकारी आदेश के बाद भास्कर ने इन्हें IGIMS में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में गाएनेकॉलॉजिकल ओंकॉलॉजी की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष (HOD) के रूप में ढूंढ़ निकाला। IGIMS बिहार सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है। यहां नियुक्ति समेत तमाम बड़े फैसले बोर्ड चेयरमैन यानी स्वास्थ्य मंत्री के दस्तखत से होते हैं।
जहां पदस्थापित बता रहे थे, वहां कोई रिकॉर्ड नहीं
बिहार सरकार के संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य विभाग) अनिल कुमार ने 16 जनवरी 2021 को डॉ. संगीता पंकज की बर्खास्तगी का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट में भेजा। इसमें लिखा कि गोपालगंज के रेफरल अस्पताल, फुलवरिया की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संगीता 14 अगस्त 2003 से बिना सूचना गायब हैं।
2 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता और स्वास्थ्य मंत्री की उपस्थिति में इस पर स्वीकृति का आदेश जारी किया गया। भास्कर ने इसके आदेश के बाद फुलवरिया रेफरल अस्पताल से लेकर गोपालगंज सिविल सर्जन दफ्तर तक इनकी फाइल ढूंढ़ी। किसी तरीके से नहीं मिली। सिविल सर्जन से भी लगातार पूछा। सिविल सर्जन ने भी 12 फरवरी को इंकार कर दिया कि इनकी कोई फाइल यहां नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी देने से किया इंकार
भास्कर ने 15 फरवरी को सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार, आप्त सचिव विजय कुमार और प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के दफ्तर में दस्तक दी। संयुक्त सचिव और आप्त सचिव उस दिन छुट्टी पर बताए गए और प्रधान सचिव मीटिंग में थे। 18 फरवरी सुबह संयुक्त सचिव बहुत मुश्किल से मिले, लेकिन बात करने से इंकार करते हुए प्रधान सचिव से मिलने को कहा। प्रधान सचिव के आप्त सचिव भोला प्रसाद ने कहा कि अभी वे किसी से मिल नहीं रहे।
Input: Dainik Bhaskar