नगर निगम में महापौर को अंधेरे में रखकर सारा काम किया जाता है। उनको निगम की गतिविधियों की जानकारी नहीं दी जाती है। विभाग के आदेश-निर्देश की भी जानकारी नहीं दी जाती। हिसाब-किताब से भी वे अवगत नहीं है। ऐसे में कोई भी मामला सामने आने के बाद उनको जवाब देते नहीं बनता। यह शिकायत है महापौर सुरेश कुमार का। उन्होंने कहा वे जानकारी के लिए अधिकारियों को पत्र लिखते रहते है लेकिन जवाब नहीं मिलता। इससे विवाद होता है।

उन्होंने कहा कि आडिट टीम द्वारा किसी विषय पर आपत्ति दर्ज कराई जाती है तो उन्हें भी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे भी हुई गड़बडिय़ों की जांच करवा सके, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। नगर आयुक्त से उन्होंने अपने कार्यकाल में आडिट टीम द्वारा दर्ज कराए गए आपत्तियों की जानकारी मांगी। साथ विज्ञापन शुल्क से होने वाली वसूली की उन्हें कोई जानकारी नहीं। उन्होंने कहा कि निगम कौन-कौन सा काम कर रहा है यह जानकारी उन्हें भी दी जानी चाहिए। सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक में इसकी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि पार्षद भी योजनाओं से अवगत हो सके। लेकिन परेशानी यह है कि जब तक विवाद नहीं होता जानकारी नहीं दी जाती है।

जन्म प्रमाण पत्र को निगम की दौड़ लगा रहे शहरवासी

स्कूलों में नामांकन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता के कारण अभिभावक नगर निगम कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। निगम में जन्म प्रमाण पत्र के लिए एक माह से सैकड़ों आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। आवेदनों का निष्पादन नहीं होने से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र शाखा में रोजना आवेदकों एवं निगम कर्मियों में टकराव हो रहा है।

लोगों की परेशानी को देखते हुए अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने अवकाश के बावजूद रविवार को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र शाखा को खोलने का निर्देश दिया है। साथ ही लंबित आवेदनों के निष्पादन के लिए आधा दर्जन कंप्यूटर आपरेटरों को लगाया है। साथ ही शाखा के सभी सहायकों को उपस्थित रहने के कहा ताकि सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जा सके। अपर नगर आयुक्त ने कहा कि लोगों की शिकायत दूर की जाएगी। रविवार को अधिक से अधिक लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाएगा।

Input: Dainik Jagran

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