पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट के बीच जिले में नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। डीएम प्रणव कुमार ने आठ प्रखंडों के बीडीओ को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि नगर निकाय के गठन में कई पंचायतों का विघटन हुआ है। विघटन के बाद भी उसकी आबादी वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार तीन हजार या उससे अधिक बच जाती है तो पूर्व नाम के साथ ग्राम पंचायत के रूप में रहने दिया जाए। अगर शेष आबादी तीन हजार से कम होती है तो शेष बचे गांवों का आसपास की पंचायत में विलय कर दिया जाए। संबंधित बीडीओ से एक सप्ताह में एसडीओ को रिपोर्ट देने को कहा गया है।

मालूम हो कि जिले में सात नई नगर पंचायत के गठन व तीन नगर पंचायत के नगर परिषद में विस्तार होने से कई पंचायतों की भौगोलिक स्थिति बदल गई। जिले की 28 पंचायतें प्रभावित हो गई हैं। इसमें छह पंचायतों का संपूर्ण भाग निकाय में शामिल हो गया है। इसमें मीनापुर प्रखंड की माणिकपुर, कांटी की माधोपुर ढुल्लम, मोतीपुर की बरूराज पूर्वी और बरूराज पश्चिमी, कुढऩी की माधोपुर सुस्ता और तुर्की पंचायत शामिल है।

शेष 22 पंचायतों में वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार एक दर्जन पंचायत की ही आबादी तीन हजार से अधिक है। यानी करीब दस पंचायतों का विलय दूसरी में हो जाएगा। इस हिसाब से जिले में पंचायतों की संख्या कम हो जाएगी। वर्तमान में 385 पंचायतें जिले में हैं। छह के संपूर्ण नगर निकाय बन जाने से यह संख्या 379 हो जाती है। इसमें अगर दस पंचायतों का विलय दूसरे में हो जाता है तो यह संख्या 369 हो जाएगी। बीडीओ की रिपोर्ट के बाद इसकी स्वीकृति के लिए सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी।

Input: Dainik Jagran

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