रैंकिंग में शहर के फिर सबसे नीचे आने के लिए मेयर सुरेश कुमार ने नगर निगम के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया है। शहर की समस्याओं का पुलिंदा और समाचार पत्रों की कतरनें लेकर वे शुक्रवार काे नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव के पास पटना पहुंच गए। निगम अधिकारियाें की एक-एक लापरवाही से अवगत कराई। कहा- कच्ची गली-नाली व नल-जल समेत सभी काम में लापरवाही बरती जा रही है।
स्मार्ट सिटी का काम अब तक धरातल पर नहीं उतरा। ऐसे में उनके साथ-साथ निगम पार्षदाें काे शहरवासियों का कोपभाजन हाेना पड़ रहा है। उन्हाेंने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद काे भी स्थिति से अवगत कराया। मेयर ने प्रधान सचिव आनंद किशोर को बताया कि गर्मी की शुरुआत के साथ ही मुजफ्फरपुर में पानी की समस्या शुरू हो गई है। फिर भी नगर निगम गंभीर नहीं है।
नल-जल योजना व नई जलमीनार को लेकर अफसर लापरवाह हैं। दिसंबर 2020 में 11 जलमीनार बन जानी थी, लेकिन अब तक सिर्फ एक बनी है। 2018-19 व 2019-20 में राशि आवंटन के बावजूद पानी को लेकर काम नहीं किया गया। शहर के ज्यादातर स्थानों पर पाइपलाइन अधूरी है।
हर घर नल-जल योजना के तहत मार्च 21 तक काम पूरा कर लेना था। बावजूद 13 के वर्कऑर्डर जारी हुए, 42 का टेंडर हुआ और 6 का री टेंडर। एक योजना फंसी हुई है। सीएम की महत्वाकांक्षी योजना होने के बावजूद नल-जल योजना में लापरवाही बरती जा रही है।
महापौर ने कहा- रैंकिंग देख प्रधान सचिव भी हुए आश्चर्यचकित
मेयर सुरेश कुमार ने कहा- महापौर होने के नाते मुझे लगा कि प्रधान सचिव को हालात से अवगत कराना चाहिए। पटना की स्थिति बेहतर होने और मुजफ्फरपुर के पिछड़ने पर प्रधान सचिव भी आश्चर्यचकित हुए। स्मार्ट सिटी को लेकर जिस तरह खानापूर्ति की जा रही है उससे भी उन्हें अवगत कराया। बुडको के लिए राशि आवंटन की भी मांग की।
मांग : कच्ची गली-नाली याेजना में भी फंसा है काम, दाेषियाें पर कार्रवाई हाे
कच्ची गली-नाली के तहत 249 योजनाओं का एक साथ तत्कालीन मंत्री ने शिलान्यास किया था। बावजूद अभी शहर के ज्यादातर वार्डाें में दो-दो काम फंसे हुए हैं। शहर के 49 वार्डाें की 5-5 सड़काें के साथ नाले का निर्माण कराया जाना था। महापौर ने बताया कि वार्ड पार्षदों को सर्वाधिक परेशानी इस योजना को लेकर हो रही है। अभी 100 से ज्यादा काम अधूरे हैं। उन्हाेंने इस लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
इधर, स्टाॅलधारियों काे नगर आयुक्त ने दी चेतावनी, तो मेयर ने कार्रवाई से रोका
दोगुना किराया करने का अगली बैठक में आ सकता है प्रस्ताव
नगर निगम में तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही। अब स्टालधारियों का बकाया व फिर से लीज निर्धारण को लेकर मामला फंस गया है। 3 वर्षाें से बकाया रखने पर स्टालधारियों काे नगर आयुक्त ने कार्रवाई की चेतावनी दी, तो मेयर ने राेक दिया है। दूसरी तरफ स्टालधारियों से दोगुना किराया वसूली का प्रस्ताव सशक्त स्थाई समिति व नगर निगम बोर्ड की बैठक में रखने की तैयारी है।
24 फरवरी 2018 को निगम बोर्ड की बैठक में इसका प्रस्ताव रखा गया था। 7 की जगह 20 रुपए वर्गफीट किराया लेने का निर्णय हुआ। लेकिन, व्यवसायी संघ की आपत्ति पर 2 जुलाई 18 की बैठक में किराया संशोधन के प्रस्ताव पर मेयर व नगर आयुक्त को अधिकृत किया गया।
एक अप्रैल 2018 से गुमटी/कच्चा मकान से 4 की जगह 8 रुपए वर्गफीट व पक्का मकान से 7 की जगह 14 रुपए वर्गफीट की वसूली हो रही है। दोगुनी रेंट वसूली का ज्यादातर व्यवसायी संगठन विरोध कर रहे हैं। कई पार्षद भी रेंट कम करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। बता दें कि शहर में 1041 स्टालधारियों में 997 के किराएनामे की तिथि समाप्त हो चुकी है। मामला मेयर के नीतिगत निर्णय काे लेकर फंसा हुआ है।
शहर में कई जगहाें से नहीं उठा कचरा, नगर निगम ने कहा- कांपैक्टर हो गया था खराब
कांपैक्टर खराब होने से शुक्रवार को मालगोदाम चौक व इमलीचट्टी सरकारी बस स्टैंड इलाका समेत शहर में कई जगहाें से कूड़ा नहीं उठ सका। इस वजह से बस व रेलयात्रियाें समेत स्थानीय लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ी। इमलीचट्टी इलाके के व्यवसायियाें ने बताया कि दुर्गंध से यहां कारोबार करना मुश्किल हो गया है। रौतनिया कूड़ा डंपिंग यार्ड में कांपैक्टर खराब होने के कारण मालगोदाम चौक से दिन में कूड़ा नहीं उठा, रात में उठवाया जा रहा है।
Source : Dainik Bhaskar