15 मार्च से बढऩे वाले बस भाड़े की वृद्धि में यात्रियों को राहत मिलेगी। अब भाड़ा में 25 के बदले 20 फीसद ही वृद्धि होगी। रविवार को बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया। फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 मार्च के बाद डीजल की कीमत कम होने की घोषणा पर उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि डीजल की कीमत बढऩे की वजह से बस संचालकों ने विवश होकर 15 मार्च से बस भाड़ा में 25 फीसद वृद्धि की घोषणा की थी, मगर प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भाड़ा वृद्धि को पांच फीसद कम किया गया है। भाड़ा वृद्धि में सरकार के गजट का पालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा प्रति किमी तय भाड़ा के अनुसार ही वृद्धि की जा रही है। जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि भाड़ा कम होने से यात्रियों को राहत मिलेगी।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व फेडरेशन ने सितंबर 2018 में बसों का भाड़ा बढ़ाया था। भाड़ा में 25 से 30 फीसद की वृद्धि की गई थी। किराया 30 सितंबर 2018 की मध्य रात्रि से लागू हुआ था। बस किराया में थोड़ी कम बढ़ोतरी से यात्रियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से बाहर से आने वाले हर सामान की कीमत बढ़ गई है।

कोरोना की वजह से आम आदमी पहले से ही परेशान हैं। किसी आमदनी तो बढ़ी नहीं लेकिन खर्च जरूर बढ़ गया है। अगर बस भाड़ा में 20 फीसद की बढ़ोतरी भी होती तो लंबा सफर करने वालों पर खासा असर पड़ेगा। वहीं बिहार मोटर ट्रांंसपोर्ट फेडरेशन को यह उम्मीद हैं कि आने वाले समय डीजल की कीमतों में कुछ कमी जरूरी आएगी।

Input: Dainik Jagran

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