राज्य के जिला परिषद की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने की सरकार ने मुहिम शुरू की है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने राज्य के सभी डीएम और डीडीसी को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जिला परिषद की जमीन का पहले अभिलेख तैयार किया जाए। वहां अगर किसी तरह का अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाए।

अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जिला परिषद के पास बहुमूल्य भू-संपदा है। कई स्रोतों से जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें मिलती रही हैं। इसे देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया है कि जिला परिषद की सभी जमीन की चहारदीवारी कराई जाएगी। इसके लिए 15वें वित्त की राशि या जिला परिषद के आंतरिक संसाधन का इस्तेमाल किया जाएगा। जारी निर्देश में कहा गया है कि जिला परिषद की एक-एक इंच जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने की जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (डीडीसी) की है। वे आवश्यकतानुसार प्रशासनिक सहयोग जिला पदाधिकारी से ले सकते हैं। इसे देखते हुए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रत्येक प्लॉट का सर्वे कराकर उसका अभिलेख तैयार करेंगे। अपर मुख्य सचिव ने सभी डीडीसी को इसके लिए 31 मई तक का समय दिया है। उक्त अवधि तक निर्देश का पालन करने में असफल रहने वाले डीडीसी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवार्इ की जाएगी।

जिले में कई जगहों पर अतिक्रमण

जिला में जिला परिषद की जमीन पर कई जगह अतिक्रमण है। स्थानीय लोगों के अलावा कई जगहों पर दूसरे विभाग का कब्जा है। गायघाट थाना वर्तमान में जिला परिषद के भवन पर ही चल रहा है। इसका किराया भी नहीं दिया जा रहा है।

Source : Dainik Jagran

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