शहर को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बैठक दर बैठक के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के हस्तक्षेप के बावजूद यह हाल है। सबसे बड़ी समस्या रेलवे कल्वर्ट की सफाई न हाेना है। ऐसे में इस बरसात में भी शहर को डूबने से कोई नहीं बचा पाएगा। पिछले साल हुई फजीहत के बाद निगम प्रशासन जागा। बीती 17 फरवरी को खुद डिप्टी सीएम ने निगम, एनएचएआई और रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की। माड़ीपुर-बीबीगंज इलाके काे जलजमाव से मुक्ति के लिए कच्चा नाला बनाने का निर्णय हुआ।

लेकिन, अब तक 10 फीसदी काम भी नहीं हुआ।  धर्मशाला चौक, कटही पुल, माल गोदाम, पांडे गली और सादपुरा गुमटी के पास रेलवे कल्वर्ट की क्षमता काफी कम रहने से पानी निकासी नहीं हाेती है। इसलिए रेलवे और नगर निगम ने पाैने दाे माह पूर्व संयुक्त पहल का निर्णय लिया था। लेकिन, रामदयालु इलाके में 50 लाख की लागत से कच्चा नाला बनाने काे अभी टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है।

कई मुख्य नालाें की सफाई नहीं

सतपुरा-अघोरिया बाजार, ब्रह्मपुरा-बीबीगंज, सिकंदरपुर, मोतीझील, पक्कीसराय, कमरा मोहल्ला, बालूघाट, लकड़ीढाई और जवाहरलाल रोड समेत दो दर्जन से अधिक प्रमुख नालाें की सफाई नहीं हो सकी है। वैसे, निगम अधिकारी का दावा है कि मिठनपुरा-बेला, इमलीचट्टी और खबड़ा समेत कई नालाें की सफाई हाे रही है।

पिछली बार नाला सफाई की फर्जी रिपोर्ट दी : शर्मा

निगम प्रशासन ने पिछली बार नाला सफाई की फर्जी रिपोर्ट दी थी। ज्यादातर प्रमुख नाले जाम हैं। उस हिसाब से सफाई शुरू नहीं हुई। कई इलाके में नाले पर अतिक्रमण कर घर बना दिया गया है। यदि पिछले साल की तरह बारिश हुई, ताे हालात और भी बदतर हाेंगे। निगम और लोगों को सचेत होना होगा। – सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री

Source : Dainik Bhaskar

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