बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक, पीजी, वोकेशनल समेत सभी कोर्स में पास होने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट के लिए विद्यार्थियों से दो बार फीस की वसूली हो रही है। स्नातक में पार्ट थर्ड की परीक्षा और पीजी में चौथे सेमेस्टर की परीक्षा का फॉर्म भरने के समय ही विद्यार्थियों से उक्त सर्टिफिकेट के लिए फीस ले ली गई। फिर परीक्षा पास होने के बाद विद्यार्थियोंं को सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना था तो उनसे ऑनलाइन आवेदन के समय फिर उसके लिए फीस देनी पड़ी। दो बार फीस वसूले जाने के कारण विद्यार्थियों में नाराजगी है।

विवि को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की अवैध कमाई :

इस तरह विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की अवैध कमाई भी हो रही है। प्रतिवर्ष करीब दो लाख विद्यार्थी विश्वविद्यालय से पास होते हैं। पूर्व के वर्षों में सर्टिफिकेट के लिए एक सौ रुपये शुल्क लिया जा रहा था। जबकि, इसवर्ष पांच सौ रुपये लिया गया। इस हिसाब से प्रतिवर्ष विवि छात्र-छात्राओं से दो करोड़ रुपये की उगाही हो रही है। छात्रों की ओर से इसकी शिकायत की गई पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जबकि पूर्व में कई बार इस मुद्दे को लेकर आंदोलन भी हुए हैं।

उसी पावती के साथ आवेदन करेंगे तो दुबारा नहीं लगेगी फीस :
इस मुद्दे पर विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि जो विद्यार्थी परीक्षा शुल्क के साथ ही प्रोविजनल और ऑरिजनल सर्टिफिकेट का शुल्क दे चुके होते हैं उन्हें बाद में इसके अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। ये विद्यार्थी उसी पावती के साथ अपना अंकपत्र संलग्न करते अपना आवेदन विवि के काउंटर पर जमा कराएं। उस आवेदन को संबंधित विभाग और कॉलेजों से सत्यापित कराया जाएगा कि छात्र की ओर से जो पावती प्रस्तुत की गई है उसका शुल्क जमा हुआ है या नहीं। यदि शुल्क जमा होगा तो विद्यार्थी को उसी पावती के आधार पर सर्टिफिकेट मुहैया करा दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से लिया गया भुगतान अवैध नहीं है। विद्यार्थियों को आवेदन का सही तरीका अपनाना चाहिए।

Input: Dainik Jagran

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD