बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले एक दिन में 5 हजार का आंकड़ा छूने की कगार पर पहुंच चुका है। बीते 24 घंटे के अंदर रेकॉर्ड 4 हजार 786 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं कोरोना से बीते 24 घंटे में 21 लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है। हालांकि अनुमान है कि बिहार में संक्रमण के वास्तविक आंकड़ें सरकारी नंबर से ज्यादा हैं। कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें साफ हो चुका है कि बिहार में कोरोना पहली बार गांवों तक पांव पसार चुका है। संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों पर विपक्ष लगातार हमलावर है, लेकिन राज्य की सत्तासीन पार्टी बीजेपी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की ड्यूटी पश्चिम बंगाल चुनाव में लगा रखी है। पूरे कोरोना काल में विपक्ष लगातार मंगल पांडेय पर हमलावर है। वहीं मंगल पांडेय इन आरोपों को नजरअंदाज कर पार्टी के कार्यों में व्यवस्त हैं।
विवादों में रहा मंगल पांडेय का NMCH दौरा
मंगल पांडेय बिहार में कोरोना अस्पताल बनाए गए NMCH का दौरा करने पहुंचे थे। जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल के अंदर निरीक्षण में जुटे थे उसी दौरान एंबुलेंस में रिटायर्ड फौजी विनोद कुमार सिंह यहां एडमिट होने पहुंचे थे। आरोप लगे कि मंत्री के दौरे में यहां के डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ व्यस्त थे, जिसके चलते रिटायर्ड फौजी का ट्रीटमेंट सही समय पर शुरू नहीं हो पाया और एंबुलेंस में ही उनकी मौत हो गई। इस मसले पर मंगल पांडेय ने दुख जताकर अपनी औपचारिकता पूरी कर ली।
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले एक दिन में 5 हजार का आंकड़ा छूने की कगार पर पहुंच चुका है। बीते 24 घंटे के अंदर रेकॉर्ड 4 हजार 786 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं कोरोना से बीते 24 घंटे में 21 लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है। हालांकि अनुमान है कि बिहार में संक्रमण के वास्तविक आंकड़ें सरकारी नंबर से ज्यादा हैं। कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें साफ हो चुका है कि बिहार में कोरोना पहली बार गांवों तक पांव पसार चुका है। संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों पर विपक्ष लगातार हमलावर है, लेकिन राज्य की सत्तासीन पार्टी बीजेपी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की ड्यूटी पश्चिम बंगाल चुनाव में लगा रखी है। पूरे कोरोना काल में विपक्ष लगातार मंगल पांडेय पर हमलावर है। वहीं मंगल पांडेय इन आरोपों को नजरअंदाज कर पार्टी के कार्यों में व्यवस्त हैं।
मंगल पांडेय बिहार में कोरोना अस्पताल बनाए गए NMCH का दौरा करने पहुंचे थे। जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल के अंदर निरीक्षण में जुटे थे उसी दौरान एंबुलेंस में रिटायर्ड फौजी विनोद कुमार सिंह यहां एडमिट होने पहुंचे थे। आरोप लगे कि मंत्री के दौरे में यहां के डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ व्यस्त थे, जिसके चलते रिटायर्ड फौजी का ट्रीटमेंट सही समय पर शुरू नहीं हो पाया और एंबुलेंस में ही उनकी मौत हो गई। इस मसले पर मंगल पांडेय ने दुख जताकर अपनी औपचारिकता पूरी कर ली।
पिछले एक साल में मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए क्या किया?
साल 2005 से अब तक लगातार (बीच में करीब ढाई साल को छोड़कर) बीजेपी और जेडीयू मिलकर बिहार में एनडीए की सरकार चला रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इस दौरान नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहे हैं और ज्यादातर मौको पर स्वास्थ्य मंत्रालय बीजेपी के नेताओं क्रमश: गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, मंगल पांडेय के पास रहा है। ये सभी चेहरे बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। बिहार का अनुभव लेकर अश्विन चौबे केंद्र में भी मंत्री बन गए हैं। मंगल पांडेय का पिछला कार्यकाल भी विवादों में रहा, जिसके बाद भी नई सरकार में नीतीश कुमार ने उन्हें एक बार फिर से स्वास्थ्य जैसा अहम महकमा सौंपा है। इस लंबे कार्यकाल में भी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए ये NMCH जैसे अस्पताल में मछली तैरने, DMCH में सुअर घूमने, सुपौल के अस्पताल में ठेले पर सवार होकर अस्पताल जाते डॉक्टर की तस्वीरों में देख चुके हैं।
DMCH में घूमते दिखे से सुअर
दरभंगा मेडिकल कॉलेज (DMCH) एम्स बनने की राह पर है। लेकिन यहां सुअर और कुत्ते खुलेआम वार्ड में घुमते देखे गए थे। इस घटना को लेकर भी पूरी दुनिया में बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की काफी आलोचना हुई थी। इसके अलावा पिछले साल सुपौल जिले के नगर पंचायत के वार्ड नंबर-12 के पब्लिक रेस्ट हॉउस में बने कोविड केयर सेंटर में डॉक्टर ठेले पर सवार होकर यहां पहुंचते देखे गए थे। बारिश में कोविड केयर सेंटर के परिसर में घुटने से भी ज्यादा पानी भर गया था। उस दौरान भी मंगल पांडेय पर काफी सवाल उठे थे।
Input: NBT Hindi