होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं। उन्हें यह मिल नहीं पा रहा है। अगर दलाल के जरिए मिल भी गया तो मुंहमांगी कीमत देने को मजबूर हंै। धर्मशाला चौक स्थित एक मरीज के स्वजन दलाल के माध्यम से कलमबाग चौक पहुंचे। वहां ऑक्सीजन सिलेंडर देने की बात हुई। स्वजन ने जब कीमत पूछी तो 25 हजार रुपये में एक 40 लीटर का सिलेंडर देने को कहा। उसको वहां से वीडियो के माध्यम से दिखाया गया कि 300 ऑक्सीजन सिलेंडर आए हैैं। उनको काले रंग से मजदूर रंग रहे हैं। दो से तीन दिन में खपत हो जाएगी।

मरीज के स्वजन ने पूछा कि ऑक्सीजन सिलेंंडर की यह सिक्योरिटी मनी है या पूरी कीमत देकर खरीद लेना है। दलाल ने कहा कि नए-पुराने की बात छोडि़ए जो मिल रहा उसे लेकर चलते बनिए। दलाल ने हिदायत भी दी कि कोई थाना-पुलिस कुछ नहीं कर सकती है। 25 से 13 हजार रुपये में बात बनी। 13 हजार रुपये लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया। बैरिया इलाके के स्वजन ने बताया कि उनको भी पांच से छह हजार में बिकने वाला सिलेंडर 15 हजार रुपये में दिया गया।

सिलेंडर के लिए सिक्योरिटी मनी तय

सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर को होम आइसोलेशन वाले मरीज को बेचना नहीं है। उसे सिक्योरिटी मनी लेकर उपलब्ध कराना है। ड्रग इंस्पेक्टर उदय वल्लभ ने बताया कि बेला स्थित ऑक्सीजन प्लांट से साढ़े पांच हजार सिक्योरिटी मनी जमा करने के बाद कई लोग बड़े सिलेंडर ले गए हैैं। उनके पास अभी बेचने की शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत मिली तो जांच होगी।

धावा दल से रखी जा रही निगरानी

उपविकास आयुक्त डॉ.सुनील कुमार झा ने कहा कि इस आपदा को अवैध कमाई का जरिया बनाने वाले पर हर स्तर पर सख्ती चल रही है। धावा दल को आदेश दिया गया है कि शहर में जितने ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने वाले लाइसेंसी हैं उनके गोदाम की जांच कर रजिस्टर से मिलान करें। कितने सिलेंडर उनके स्टाक में आए और कहां-कहां होम आइसोलेशन या फिर अस्पताल को दिए गए हैैं। अगर कहीं पुराने रिजेक्ट सिलेंडर की रंगाई-पुताई कर बेचा जा रहा है तो इसकी भी धावा दल जांच करेगी। गड़बड़ी सामने आने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

Input: Dainik Jagran

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