मिठनपुरा-बेला, बीबीगंज, रेलवे काॅलाेनी समेत शहर के जिन हिस्साें में पहले यास चक्रवात फिर मानसून की शुरुअात से ही जलजमाव है, वहां के लाेगाें काे मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। अावासीय परिसर की पार्किंग में घुटनाभर पानी रहने से वाहन डूबा है ताे किसी के लिए घर-दुकान के सामान काे बचाना मुश्किल हाे रहा है। चार चक्का वाहनाें के सभी चक्के पानी में डूबे हुए हैं। कई जगह अाधी बाॅडी पानी में डूबी है। लाेगाें की चिंता ये है कि इससे हाेनेवाला नुकसान अागे भी उनका आर्थिक बोझ बढ़ाएगा। वाहन मालिकों को गाड़ी के मेंटेनेंस पर होनेवाले खर्च की चिंता सताने लगी है।
उनका कहना है कि अब अगर बारिश हुई और पानी बढ़ा तो गाड़ी के भीतर भी पानी जा सकता है। उससे ताे भारी नुकसान होगा। बटलर इलाके में रहनेवाले मनीष ने कहा कि उनके घर के चारों तरफ पानी है। उनकी कार पानी में डूबी हुई है। एेसे ही काेराेना के दाैर में आर्थिक संकट झेलना पड़ा है, गाड़ी पर भारी खर्च पड़ सकता है। रेलवे कॉलोनी के आशुतोष ने कहा कि जलजमाव के कारण स्कूटी गड्ढे में गिर पड़ी। चोट तो लगी ही उसे ठीक कराने में हजार से अधिक खर्च आए।
मेंटेनेंस खर्च तो बढ़ ही गया है, साइलेंसर से यदि पानी वाहन के भीतर गया तो इंजन भी हो सकता है सीज
भगवानपुर के प्रभात नगर के शुभम ने बताया कि उनके साथ-साथ कई लाेगाें की गाड़ी में पानी घुस गया। सिर्फ इसे ठीक कराने में हजार-दाे हजार खर्च हाे गए। आगे पानी बढ़ा ताे न जाने कितना अार्थिक बाेझ अाएगा। मैकेनिक मुन्ना का कहना है कि पानी में खड़े रहने या पानी से गुजरने के कारण सबसे पहले कार का ब्रेक शू खराब होता है। इसमें 2 हजार से अधिक रुपए का खर्च आता है।
कार की वायरिंग भी फ्लोर से होकर ही गुजरती है। ऐसे में अगर फ्लोर में पानी घुसा तो शॉर्ट सर्किट होने का खतरा है। बरसात में गाड़ी पर ऐसे ही एक्स्ट्रा मेंटेनेंस बढ़ जाता है। कार के साइलेंसर से होकर अगर पानी प्रवेश करता है तो इंजन सीज करने का खतरा रहता है। एेसे में गाड़ी काे ज्यादा दिनों तक पानी में खड़े नहीं रहने देना चाहिए।
Input: dainik bhaskar