बाढ़ प्रभावित इलाके में प्रसव पीडि़त महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए नाव पर चलंत एंबुलेंस व चलंत प्रसव कक्ष बनाया जाएगा। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नाव में बने चलंत एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराएगा। प्रत्येक एंबुलेंस में दो-दो ट्रेंड एएनएम सभी आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात होंगी। पांच बाढग़्रस्त इलाकों में इस वर्ष प्रयोग के तौर नाव में चलंत एंबुलेंस बनाई जाएगी। इसके अलावा सभी बाढग़्रस्त प्रखंडों में पांच- पांच स्थानों पर अस्थाई प्रसव वार्ड भी बनाया जाएगा। इन स्थानों पर भी ट्रेंड नर्स सभी आवश्यक सामान के साथ तैयार रहेगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
बाढ़ प्रभावित इलाके में कराया जाएगा सर्वे
सीएस ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और आशा से बाढ़ प्रभावित पांच प्रखंडों के बाढग़्रस्त इलाकों की गर्भवती महिलाओं का सर्वे सोमवार से शुरू कराया जाएगा। सूची बनने के बाद इन महिलाओं को बाढ़ आने से पहले ही सुरक्षित स्थान पर लाया जाएगा। बाढ़ आने पर एक सप्ताह के अंदर जिन महिलाओं का प्रसव होना निर्धारित होगा, उन्हें अस्थाई प्रसव वार्ड में लाया जाएगा। जबकि एक माह वाले गर्भवती को फोन से फालोअप किया जाएगा। जो महिलाएं बाढ़ के पानी में घिर जाएंगी और अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो जाएगी, ऐसी महिलाओं को नाव में बने चलंत एंबुलेंस में प्रसव कराने की व्यवस्था होगी। सभी स्थानों पर अस्थाई प्रसव वार्ड बनाने, अस्थाई चलंत एंबुलेंस तैयार करने, एएनएम की प्रतिनियुक्ति, दवा व आवश्यक सामान का उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी केयर टीम को दी गई है। केयर के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
सीएस ने कहा कि जिले से पहली बार नाव में चलंत एंबुलेंस बनाने की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक इलाके में पांच- पांच स्थानों पर चलंत प्रसव वार्ड भी बनाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जहां जरूरत पड़ेगी, एनडीआरएफ के मोटर बोट की भी सहायता ली जाएगी।
Input: dainik jagran