मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक नदी मीनापुर व कांटी इलाके में तबाही मचा रही है। नदियों के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है, लेकिन उफान जारी है। मिठनसराय जाने वाले मुख्य पथ पर पानी आने से पैदल आवागमन बाधित हो गया। गांव में जाने का एकमात्र रास्ता बाधित होने के बाद लोग रेलवे लाइन पार कर आ जा रहे हैं। रेलवे लाइन पर कोई प्रशासनिक सुरक्षा नहीं होने से बाढ़ से बचाव को जान जोखिम में डालकर इधर से उधर लोग आ जा रहे हैं। ग्रामीण दिलीप राम व लक्ष्मण सहनी ने बताया कि मिठनसराय अनुसूचित जाति टोला पानी से पूरी तरह से घिर गया है। इस कारण लोग अब वहां से ऊंचे स्थान की तलाश में भागने लगे है। पैगंबरपुर कोल्हुआ की मुखिया गीता देवी के प्रतिनिधि वकील सहनी ने ग्रामीणों के सोमनाथपुरी स्थिति बाबा विश्वेश्वर महादेव मंदिर परिसर में बैठक कर बाढ़ से उत्पन्न हालत पर चर्चा की। बताया कि राहत के लिए वह सीओ व बीडीओ से बात करेंगे। बैठक में दिलीप राम, महेंद्र राम, दिनेश राम, दीपक पासवान, जीतेंद्र सहनी उर्फ गांधी, सामाजिक कार्यकर्ता अमोद चौबे, लक्ष्मण सहनी आदि शामिल हुए।
सांसद, विधायक व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष की पहल पर नहीं बना बांध
टेनी बांध केवल डेढ़ सौ फीट के करीब सरकारी स्तर पर बांध दिया जाता तो अभी जो पानी बूढ़ी गंडक से होकर गांव में प्रवेश कर रहा, उससे राहत मिल जाती। ग्रामीण अधिवक्ता अरुण पांडेय ने बताया कि मानसून से पहले सांसद वीणा देवी, विधायक इसराइल मंसूरी, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उत्तर बिहार के अध्यक्ष मो.जमाल ने लगातार पहल की। प्रशासन से लेकर हर स्तर पर ग्रामीणों की समस्या को अवगत कराया। लेकिन, समस्या जस की तस रह गई। अब बाढ़ में एक बार फिर फोरलेन व रेलवे लाइन या घर की छत ही सहारा होगा। अब भगवान ही गांववासियों का मालिक है। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि 30 जून तक उत्तर बिहार के अधिकतर स्थानों पर हल्की-हल्की वर्षा होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा भी हो सकती है। 29 से 30 जून को कई स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 28 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 22-25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 70 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूरबा हवा औसतन 9 से 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
इस बीच बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में खतरे के निशान से नीचे बह रहा है। जलस्तर 51.66 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर पर चिन्हित किया गया है। बागमती का जलस्तर 53.22 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 55.23 मीटर पर चिन्हित है। इसी तरह से गंडक का जलस्तर 53.35 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 54.41 मीटर पर चिन्हित किया गया है।
Source : Dainik Jagran