देवघर। इस वर्ष अपने-अपने घरों को ही मन का देवघर बनाएं। ऐसे में सभी देवतुल्य श्रद्धालुओं से निवेदन है कि बाबानगरी की ओर रुख न कर अपने घरों से ऑनलाइन माध्यम से बाबा वैद्यनाथ का दर्शन करें। यह ट्वीट डीसी मंजूनाथ भजंत्री का है।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से देश- विदेश में बैठे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ के भक्तों से आह्वान किया है कि इस वर्ष कोविड-19 के कारण नहीं लगने वाले श्रावणी मेले में बाबानगरी आने की कोशिश न करें। श्रावण मास की पहली सोमवारी आज है। बताते चलें कि बाबानगरी में श्रावण सोमवारी पर 4 लाख से अधिक तक कांवरियों और श्रद्धालुओं का जुटान सामान्य दिनों में हो जाया करता था, लेकिन गत दो वर्ष से कोरोना के कारण मेला का आयोजन नहीं होने की वजह से बगैर श्रद्धालुओं के श्रावण हो रहा है। इस वर्ष श्रावण मास में बाबानगरी में श्रद्धालुओं के प्रवेश तक पर रोक लगा दी गयी है। जिला में प्रवेश करने वाले सभी मुख्य मार्गों को सील कर दिया गया है। बाबा वैद्यनाथ मंदिर के सभी प्रवेश द्वार वैसे तो महीनों से बंद पड़े हैं अब बाबा मंदिर को जोड़ने वाली गलियों में भी बैरिकेडिंग करा दी गयी है।
पवित्र शिवगंगा जहां स्नान करने के बाद श्रद्धालु जलार्पण के लिए जाते थे की भी बैरिकेडिंग करा दी गयी है। शहर के वैसे मार्ग जो बाबा मंदिर को जोड़ते हैं में 150 से अधिक नाके बना दिये गए हैं। सभी जगहों पर दंडाधिकारी और पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है। एनडीआरएफ की टीम को अलर्ट करते हुए प्रत्येक सोमवार को बाबा मंदिर इलाके में मॉकड्रिल करने का निर्देश दिया गया है।
कांवरिया मार्ग में झारखंड-बिहार की सीमा दुम्मा में भी पूरी तरह बैरिकेडिंग कर दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी-बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। डीसी मंजूनाथ भजंत्री और एसपी धन्नजय कुमार सिंह खुद हर दिन सभी जगहों पर पहुंचकर जायजा ले रहे हैं। प्रतिबंध के बावजूद बाबा वैद्यनाथ के भक्त काफा कम संख्या में ही सही लेकिन बाबानगरी पहुंच भी रहे हैं। श्रद्धालुओं को सीमा पर रोककर वहीं से वापस कराया जा रहा है।
वहीं सोमवार को जलार्पण की इच्छा लिए असम के कांवरियों की टोली को रविवार को कांवरिया पथ में देखा गया। वहीं बाबा मंदिर से सटी गलियों में भी श्रावण मास के पहले दिन रविवार को कई श्रद्धालुओं को देखा गया, जिन्हें जहां तक पहुंच मिल सकी वहां गए और बाबा के नाम का जलार्पण कर खुश भी दिखे।
Input: dainik jagran