स्मार्ट सिटी में हर व्यवस्था स्मार्ट है। इसकी बानगी देखिए, बारिश का मौसम शुरू होने से कुछ दिन पहले नाला के साथ-साथ मुख्य से लेकर गली-मोहल्लों तक में निर्माण कार्य शुरू हुआ। इन दिनों पूरे शहर में तेजी से कार्य चल रहा है। नाले खोदकर छोड़ दिए गए हैं। नाला उड़ाही की याद भी इसी समय आती है। सफाई महकमा और संबंधित एजेंसी निर्माण कार्य के नाम पर जमकर पैसे बहा रही है।
इसका कोई फलाफल नजर नहीं आ रहा। जनता जलजमाव से परेशान है। एक-डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश कई दिनों का दर्द दे जा रही। बारिश से फिर पूरे शहर में जलजमाव हो गया है। दुकानों व घरों में नाले का पानी घुस गया। नारकीय हालत हो गए हैं। जनता कह रही इहे हई स्मार्ट सिटी के स्मार्ट मास्टर प्लान। हल्की बारिश में ही पूरा शहर तैरे लगई छई। जे नया सड़क बनलई, ओकरो पर पानी लग जाई छई।
विकास डंप, कुर्सी को जोड़-तोड़ शुरू
शहर के सफाई महकमा में इन दिनों सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। वहां का राजनीतिक पारा गर्म है। महकमे के छोटे आका ने किसी तरह कुर्सी बचा ली, लेकिन बड़े आका इसमें विफल रहे। अब उनकी कुर्सी को लेकर उठा-पटक शुरू हो गई है। वार्डों के जनप्रतिनिधि विकास कार्य छोड़ खेमेबाजी में जुटे हैं। बड़े साहब वाली कुर्सी पर चहेते को बैठाने के लिए दिन-रात एक किए हैं।
अपने हित के लिए शहरी क्षेत्र के नेताजी भी गुपचुप तरीके से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसका असर महकमा कार्यालय पर भी पड़ा है। वहां कोई काम नहीं हो रहा। योजनाओं के कार्यान्वयन की भी गति धीमी हो गई है। अपने काम को इधर-उधर भटक रही जनता कह रही शहर के विकास और लोगों की सुविधाओं से इनका कोई लेना-देना नहीं। इन्हें तो अपनी पड़ी है। विकास डंप है। कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ शुरू है। पता नहीं क्या…?
Source: Dainik jagran