निर्वाचन आयोग के द्वारा बिहार पंचायत चुनाव की तैयारी जारी है. पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के बाद कभी भी जारी किये जा सकते हैं. वहीं चुनाव आयोग ने सख्ती से आदेश निर्गत किया है कि पंचायत चुनाव के दौरान मुखिया या पंचायत के किसी पद प्रत्याशी वोट के लिए रुपये लुटाए तो उनकी खैर नहीं है.
जारी नियमों का उल्लंघन करने पर केस होगा व उम्मीदवारी भी जायेगी. इस बीच आयोग द्वारा चुनाव जीतने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने से पीछे नहीं हटने वाले प्रत्याशियों पर नकेल कसने के लिए कड़े नियम बनाये गये है. इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है.
पंचायत चुनाव के दौरान वोट के लिये रुपये लुटाने वालों पर निर्वाचन आयोग की सख्त नजर रहेगी. इसी को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 के उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा का ब्यौरा जारी कर दिया है. इसमें कोई भी उम्मीदवार अधिकतम एक लाख रुपये तक ही खर्च कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग ने गाइडलाइन जारी कर उम्मीदवारों के लिए क्या करें व क्या ना करें की विस्तृत जानकारी दी गई है.
निर्वाचन आयोग के अनुसार जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 01 लाख तक खर्च करने की तक छूट दी गई है तो वहीं मुखिया व सरपंच उम्मीदवार 40 हजार, पंचायत समिति सदस्य 30 हजार, ग्राम पंचायत सदस्य व पंच को 20 हजार खर्च तक खर्च करने की छूट दी गयी है. कोई भी प्रत्याशी सियासी दल के झंडा या बैनर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यदि कोई ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा व उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जायेगी.
पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगने पर भी आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई होगी. धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाना को भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन माना जाएगा व उम्मीदवार पर भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.
इसके साथ ही प्रचार के लिए मस्जिद, गिरिजाघर, मंदिर या अन्य पूजास्थलों का मंच के रूप में इस्तेमाल करना व जातिय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देने पर भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को जुलूस के शुरू होने का समय व स्थान, मार्ग व किस समय किस स्थान पर जुलूस समाप्त होगा. इसके लिए पहले से तय कर पुलिस प्राधिकारियों से अग्रिम रूप से अनुमति लेनी होगी.
Source : Prabhat Khabar