मुजफ्फरपुर शहर के लिए जलजमाव की समस्या पहली बार नहीं हुई है। वर्षों से शहरवासी इसकी पीड़ा झेल रहे हैं, लेकिन इस बार यह दर्द गंभीर हो गया है। इसके पीछे ड्रेनेज सिस्टम नहीं होना, रेललाइन के नीचे के पाइप की सफाई नहीं होना, स्लूस गेट का बंद होना आदि कारण है  एक और कारण ने इस वर्ष समस्या को गंभीर कर दिया है। वह है शहरी क्षेत्र में बनीं तीन सड़कें। इन सड़कों की ऊंचाई पटना हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध छह से 10 इंच तक बढ़ा दी गई। इससे कई मोहल्ले और नीचे हो गए। यही नहीं कुछ जगह सड़क से पहले नाला का निर्माण भी नहीं किया गया। इससे बारिश का पानी स्थिर हो गया।

मालूम हो कि पटना हाई कोर्ट ने जवाहर लाल एवं दीपक मुखर्जी द्वारा दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई पर जारी आदेश में कहा था कि सड़क के निर्माण के दौरान यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि उसकी ऊंचाई नहीं बढ़े। इसके बाद भी शहर में हाल में बनीं तीनों सड़कों की ऊंचाई काफी बढ़ा दी गई। लक्ष्मी चौक से दादर, नवयुवक समिति से जवाहरलाल रोड, छोटी कल्याणी होते हुए कन्हौली एवं पानी टंकी चौक से मिठनपुरा चौक तक पीसीसी सड़कें बनीं। शहर के बीचों-बीच की इन सड़कों का निर्माण पथ निर्माण प्रमंडल-एक की ओर किया गया। इससे पहले निगम की ओर से भी बार-बार शहरी क्षेत्र की इन सड़कों की ऊंचाई बढ़ाई गई। इससे मूल से करीब दो से तीन फीट सड़क ऊंची हो गई। बेहतर ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से जलजमाव की समस्या दिनों-दिन गंभीर हो गई है। स्थिति बदतर इसलिए भी हो गई कि नाला का निर्माण तो नहीं हो सका, जगह-जगह इसे खोदकर छोड़ दिया गया। इससे जलनिकासी एकदम से रुक गई।

इस मामले में पथ निर्माण प्रमंडल-एक के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार की मानें तो सड़क के साथ जो नाला का निर्माण हो रहा है वह नीचे है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जलजमाव की समस्या ऐसी नहीं रहेगी।

Source : Dainik Jagran

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