अफगानिस्तान में फंसे मुजफ्फरपुर के पूर्व डिप्टी मेयर माजिद हुसैन के भाई डॉ. सैयद आबिद हुसैन मंगलवार को सकुशल अपने वतन लौटे। एयर इंडिया की फ्लाइट से वे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां से अपने घरवालों से बात की और सुरक्षित पहुंचने की बात कही। हालांकि, एयरपोर्ट पर RTPCR जांच किया गया। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आया। इसके बाद उनके साथ लौटे करीब 70 अन्य लोगों को भी क्वारेंटाइन में भेज दिया गया। क्वारेंटाइन के लिए जाने से पूर्व प्रोफ़ेसर ने एक वीडियो जारी किया।
इसमें बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद वे अपने वतन लौटे हैं। इससे काफी खुश हैं। क्योंकि तालिबान शासन में रहना काफी मुश्किल था। यहां आने के बाद सभी का RTPCR जांच किया गया। पहले बताया गया कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, बाद में सभी को क्वारेंटाइन में भेजने का निर्णय लिया गया। 10-10 का बैच बनाकर उनलोगों को नजफगढ़ में लगे कैम्प में क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया गया। उन्होंने इसे लेकर सवाल भी उठाए की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद क्वारेंटाइन में भेजने का क्या मतलब है। इधर, पूर्व डिप्टी मेयर ने भी भाई के लौटने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभी लोग उनकी वतन वापसी से काफी खुश हैं। अब बस वे ज़ल्दी से घर आ जाएं। यही दुआ कर रहे हैं।
25 जुलाई को गए थे अफगानिस्तान
पूर्व डिप्टी मेयर ने बताया कि उनके भाई पिछले डेढ़ साल से अफगानिस्तान के काबुल विश्विद्यालय के अधीन एक मैनेजमेंट कॉलेज में प्रोफेसर हैं। जुलाई में वे घर आये हुए थे। 25 जुलाई को यहां से काबुल गए थे। तभी तालिबान से लड़ाई शुरू हो गयी थी। इस कारण वे फंस गए थे।
एक सप्ताह पूर्व फ्लाइट हुआ था कैंसिल
इसके बाद भारतीय दूतावास से सम्पर्क कर वतन वापसी की गुहार लगाई थी। उनके साथ भारत के पांच और भी प्रोफेसर वहां फंसे हुए थे। एक सप्ताह पूर्व भी उन्होंने फ्लाइट का टिकट लिया था। लेकिन, फ्लाइट कैंसिल होने के कारण वहीं फंस गए। इससे मुजफ्फरपुर शहर में रहने वाले उनके भाई, पत्नी और बच्चे समेत अन्य परिजन काफी चिंतित हो गए थे। हालांकि, अब वतन वापसी पर सभी लोग काफी खुश हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर की हालत खराब
प्रोफेसर हुसैन ने क्वारेंटाइन सेंटर का एक वीडियो बनाकर जारी किया। इसमे सेंटर पर फैली कुव्यवस्था के बारे में बताया। दिखाया कि यहां पर रहने में कितनी समस्या होने वाली है। बिछावन पर रखा चादर मैला है। इसपर कीड़े चल रहे हैं। शौचालय भी एक या दो है। इसमें कैसे गुजारा करेंगे। बच्चों और महिलाओं का हाल बेहाल है। लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने वीडियो ले माध्यम से सेंटर की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि यहां पर जो भी अधिकारी हैं। उनके पास फीलिंग्स नहीं है। हमलोग बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। बावजूद इसके क्वारनटाइन सेंटर में जबरन रखा जा रहा है। सवाल पूछते हैं तो कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।
Source : Dainik Bhaskar
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