असंभव कुछ भी नहीं, अगर साहस और जज़्बा मजबूत है. जिस सुनीला देवी के लिये पक्का मकान एक मात्र सपना था, उसी अबला- विधवा का सामाजिक सहयोग से बन रहे घर का छत ढलाई रविवार को सम्पन्न हुआ. लंबे समय से चले आ रहे इस अभियान में, सुनीला देवी के घर के छत ढलाई का दिन एक बड़ा दिन था.
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आज से कुछ वक्त पहले जब समाजसेवी भारतेन्दु कुमार के नेतृत्व में लोगो ने इस मुहिम का शंखनाद किया था, तब शायद ही कोई सोचा हो कि सुनीला देवी का घर बनाना इतनी जल्दी संभव होगा. इस बेहतरीन कार्य के लिये भारतेन्दु कुमार और उनके साथ आये सभी लोग बधाई के पात्र है.
![May be an image of outdoors](https://scontent.fccu19-1.fna.fbcdn.net/v/t39.30808-6/243020960_6511352472209960_6306579380645616920_n.jpg?_nc_cat=103&ccb=1-5&_nc_sid=8bfeb9&_nc_ohc=nEbqOxtljZMAX8EyOC6&_nc_ht=scontent.fccu19-1.fna&oh=83a885f77999c160ae7130afec9bb253&oe=6155954D)
गौरतलब है, पति स्व. सजंय त्रिवेदी के मृत्यु के बाद सुनीला देवी अपने बच्चों के साथ, बिना छत के झोपड़ी में खुले आसमान के नीचे रहने के लिये विवश थी. कुछ युवाओं ने सुनीला देवी के इस पीड़ा के बारे में फ़ेसबुक पोस्ट डाला, वहां इस पर नजऱ मुजफ्फरपुर के चर्चित समाजसेवी भारतेन्दु कुमार की पड़ी.. फिर क्या था.. भारतेन्दु कुमार ने सुनीला देवी का घर बनाने के अभियान को लक्ष्य बना लिया.
युवाओं द्वारा बनाया गया एक ग़रीब लाचार का घर, सदैव समाज को समर्पण, संकल्प और संवेदनशीलता का उदाहरण देगा. अपने परिवार के लिये तो सब सोचते है, किसी गैर के लिये सोचना और उसकी चिंता करना ही असली मानवता है. सुनीला देवी का बन रहा घर उसी मानवता का परिचायक है.