चाेरी के वाहन के कागजात बनाने के मामले में DTO कार्यालय के हेड क्लर्क रामअयाेध्या सिंह, तत्कालीन कर्मचारी शारिक बशीरी, कम्प्यूटर ऑपरेटर उमेश कुमार व अन्य दाे आरोपिओं काे पुलिस ने अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया है। इसके बाद राम अयाेध्या सिंह ने काेर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की, जिसे काेर्ट ने खारिज कर दिया है। एडीजे-13 ने आदेश में कहा है कि रिकाॅर्ड देखने से यह केस गंभीर प्रवृति का है। ऐसे मामले में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने सुपरविजन रिपाेर्ट जारी करते हुए तीनाें DTO कर्मी के अलावा माेतिहारी के पलनवा निवासी सुधा देवी व नवल किशाेर सिंह की गिरफ्तारी का आदेश IO ओमप्रकश काे दिया है।
MVI की जांच में एक ही नंबर की दाे बाेलेराे होने की बात आई थी सामने : सीतामढ़ी के परिहार थाने के धरहरवा निवासी सुजीत साह अपनी बाेलेराे BR-06पीबी-3100 का बीमा कराने गए थे, ताे खुलासा हुआ था कि यह गाड़ी ताे किसी दूसरे के नाम की है। MVIने जांच की ताे एक ही नंबर की दाे बाेलेराे होने की बात सामने आई। दूसरी गाड़ी माेतिहारी के पलनवा इलाके की सुधा देवी के नाम की थी। जांच में स्पष्ट हुआ कि सुधा देवी के नाम की गाड़ी चाेरी की है। कागजात की जांच में स्पष्ट हुआ कि सुजीत की गाड़ी काे फर्जीवाड़े ढंग से पहले नवल किशाेर के नाम पर स्थानांतरित किया गया, फिर उसने सुधा काे बेच दी गई। इस तरह चाेरी की गाड़ी का कागजात DTO कार्यालय से तैयार हुआ था। मामले में MVI रंजीत कुमार ने नगर थाने में बीते साल 15 दिसंबर काे FIR दर्ज कराई थी।
Source : Dainik Bhaskar
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