ब्राजील में बिना चेहरे के पैदा हुई एक बच्ची ने असाधारण बाधाओं को पार करते हुए मौत को भी हरा दिया. डॉक्टरों को संदेह था कि बच्ची कुछ घंटे तक ही जीवित रहेगी इसलिए उन्होंने परिवार को उसे दूध पिलाने की जगह अंतिम संस्कार की व्यवस्था शुरू करने की सलाह दे दी थी.

अब वही छोटी सी बच्ची अपने नौवें जन्मदिन तक पहुंच चुकी है. ब्राजील के बारा डी साओ फ्रांसिस्को की विटोरिया मार्चियोली बेहद दुर्लभ स्थिति में पैदा हुई थी और उसे ट्रेचर कॉलिन्स सिंड्रोम नाम की बीमारी है जिसने उसके चेहरे की 40 हड्डियों को विकसित होने से रोक दिया.

इस वजह से बच्ची की आंखें, मुंह और नाक विकसित ही नहीं हो पायी. डॉक्टरों को संदेह था कि वह अपने जीवन के पहले कुछ घंटों तक ही जीवित रहेगी. इसलिए परिवार को डॉक्टरों की तरफ से अंतिम संस्कार की व्यवस्था तक शुरू करने की सलाह दे दी गई थी.

दो दिन की उम्र में डॉक्टरों की भविष्यवाणियों को गलत बताने के बाद बच्ची को एक विशेषज्ञ की देखरेख में वहां से स्थानांतरित कर दिया गया. वहां उनकी स्थिति की पहचान कर एक हफ्ते बाद उन्हें उनके परिवार की देखभाल के लिए छोड़ दिया गया.

बच्ची के बड़ी होने पर उसकी आंखों, नाक और मुंह के पुनर्निर्माण के लिए आठ सर्जरी हुई है. हाल ही में अमेरिका के टेक्सास के अस्पताल में उसकी एक अन्य सर्जरी की गई.

बच्ची के माता-पिता रोनाल्डो और जोसिलीन उसे जिंदगी देने के लिए कई सालों से अन्य लोगों की मदद से लगातार पैसे इकट्ठा कर रहे हैं ताकि उसे बेहतर जीवन मिल सके.

इस महीने की शुरुआत में, वह अपने नौवें जन्मदिन पर अस्पताल पहुंचीं. डॉक्टरों का मानना ​​है कि उनके जीवित रहने का एकमात्र कारण उनके परिवार की पूरी देखभाल और प्यार है.

Source : Aaj Tak

Photo Credit: Caters News Agency

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