एनएच-77 के पटना-मुजफ्फरपुर खंड पर स्थित 17 किलाेमीटर बायपास निर्माण की सभी बाधाएं हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अब दूर हाे गई हैं। पूर्व में पांच भूधारियाें की मुआवजा राशि काेर्ट में जमा हाे चुकी थी। शनिवार तक 13 राजस्व गांव के 321 किसानों काे मुआवजा भुगतान के लिए 10 कराेड़ रुपए जिला भू-अर्जन कार्यालय ने कोर्ट में जमा करा दिया। अब बाकी भूधारियाें की मुआवजा राशि 31 अक्टूबर तक काेर्ट में जमा कराने काे जरूरी कागजात तैयार किए जा रहे हैं।
भू-अर्जन में जमीन की किस्म काे लेकर किसानों के व्यवधान के कारण एक दशक से एनएच-77 बायपास का काम रुका पड़ा है। तत्कालीन डीएम डाॅ. चंद्रशेखर सिंह की पहल पर कांटी और मड़वन प्रखंड के कई भूधारियाें काे मुआवजा भुगतान हुआ। फिर बायपास का निर्माण कार्य शुरूहुआ। लेकिन, निर्माण गति काफी धीमी रही। वजह किसानों का मुआवजा लेने से इनकार करना थी। अंतत: पटना हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया। भूधारियाें काे किस्म के अनुसार भुगतान का आदेश दिया। इसके बाद भी इन किसानाें ने शिविर में भुगतान नहीं लिया। तब आपसी विवाद या किस्म विवाद वाली जमीन की मुआवजा राशि काेर्ट में जमा कराने काे कहा गया।
हाईकोर्ट के आदेश पर फिर लगाए गए कैंप, तब भी नहीं लिया भुगतान
काेर्ट के आदेश के बाद जिला भूअर्जन कार्यालय ने मुआवजा भुगतान काे कांटी प्रखंड के 8 गांवों के लिए 30 सितंबर काे मध्य विद्यालय रेपुरा और मड़वन के पांच माैजा के लिए चार अक्टूबर काे उच्च विद्यालय बथनाराम में अंतिम कैंप लगाया। इसके बाद भी मुआवजा नहीं लेने वालाें की राशि अदालत में जमा की जा रही है। पहले चरण में दाेनाें प्रखंडों के 257 और दूसरे चरण में 64 भूधारियाें के लिए दस कराेड़ रुपए जमा कराया गया है।
इन गांवों के भूधारियों के लिए राशि की जमा
कांटी के लश्करीपुर, सतादपुर, शहवाजपुर, पानापुर हवेली, चिकनाैटा, माधाेपुर मचिया, मधुबन जगदीश उर्फ बझिला और मड़वन के पकाेही खास, मधुबन, बथनाराम, रायपुरा और रुपाैली माैजा के लाेगाें की मुआवजा राशि काेर्ट में जमा हुई है।
Source : Dainik Bhaskar
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