दीपावली, काली पूजा और छठ महापर्व के अवसर पर विधि-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए बिहार पुलिस ने अवकाश पर रोक लगा दी है। 1 से 12 नवम्बर तक पुलिस अधिकारियों और जवानों के सभी प्रकार के अवकाश पर रोक रहेगी। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की जरूरतों को देखते मुख्यालय ने यह कदम उठाया है। इससे पहले दुर्गापूजा और होली के वक्त भी पुलिस अधिकारियों और जवानों की छुट्टी पर रोक लगी थी।
डीजीपी एसके सिंघल के आदेश पर एडीजी विधि-व्यवस्था विनय कुमार ने छुट्टी पर रोक लगाने से संबंधित पत्र जारी कर दिया है। आदेश के तहत दिवाली, काली पूजा और छठ महापर्व पर विधि-व्यवस्था व सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए 12 दिनों तक पुलिसकर्मियों के सभी प्रकार के अवकाश पर रोक लगाई गई है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में बहुत जरूरी होने पर अवकाश दिया जा सकता है। इसकी मंजूरी जिला, रेल और अन्य इकाइयों के वरीय पुलिस अधिकारी से लेनी होगी। आदेश की कॉपी सभी जिलों के एसएसपी-एसपी के अलावा इकाइयों और बिहार विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस के कमांडेंट को भेज दी गई है।
दुर्गापूजा में भी लगी थी रोक
गौरतलब है कि दुर्गापूजा पर भी पुलिसकर्मियों के अवकाश पर रोक लगाई गई थी। पूजा के दौरान पुलिस फोर्स की जरूरतों को देखते मुख्यालय ने यह कदम उठाया था। तब 4 से 18 अक्टूबर तक पुलिस अधिकारियों व जवानों के सभी प्रकार के अवकाश पर रोक लगी थी। इसी वर्ष होली और उसके बाद कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान भी पुलिसकर्मियों के अवकाश पर रोक लगी थी। यह तीसरी दफे है जब त्योहारों को देखते हुए पुलिस में अवकाश को स्थगित रखने का फैसला किया गया है।
बड़ी संख्या में प्रतिनियुक्त किए जाते हैं पुलिसकर्मी
बड़े पर्व-त्योहार पर पुलिसकर्मियों के अवकाश पर रोक हमेशा लगती है। इसकी एक वजह पूजा के दौरान बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों की आवश्यकता होती है। विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूजा पंडालों और घाटों के आसपास जहां फोर्स की तैनाती रहती है वहीं संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल को रखना पड़ता है। किसी भी विपरित परिस्थिति से निपटने के लिए भी पुलिस को अपनी तैयारी रखनी पड़ती है।
खतरनाक छठ घाटों पर तैनात रहेंगे गोताखोर, मोटर बोट से होगी गश्ती
आपदा प्रबंधन सचिव ने खतरनाक छठ घाटों को चिह्नित कर गोताखोरों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। जिलों को निर्देश भेजकर वहां मोटरबोट को गश्त कराने के लिए भी कहा गया है। आपदा प्रबंधन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने लिखा है कि खतरनाक नदी-घाटों, तालाबों की बैरिकेडिंग इस प्रकार से की जाय कि लोगों के डूबने का खतरा न रहे। सभी नदी-घाटों पर सुरक्षा बल तथा अन्य वॉलेंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की जाय। इसी तरह घाटों पर आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए चिकित्सकों के साथ पारा मेडिकल टीमों की प्रतिनियुक्ति का निर्देश दिया गया है।
राज्य में छठ घाटों पर की जाएगी बिजली आपूर्ति की विशेष व्यवस्था
छठ महापर्व के दौरान घाटों पर बिजली आपूर्ति की विशेष व्यवस्था रहेगी। विशेषकर नंगे तारों से घाटों पर बिजली आपूर्ति नहीं की जाएगी। घाटों पर बिजली खपत के अनुसार अगर जरूरत हुई तो बिजली कंपनी की ओर से अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जाएंगे। इस बाबत कंपनी मुख्यालय की ओर से इंजीनियरों को निर्देश दे दिया गया है। कंपनी ने कहा है कि दीपावली और छठ महापर्व में निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ ही यह भी जरूरी है कि किसी तरह की दुर्घटना न हो। पर्व-त्योहार में भीड़ अधिक होती है। इसके लिए यह जरूरी है कि कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम हो।
Source : Hindustan
(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)