मान्यता है कि शिव की नगरी काशी में मां पार्वती अन्नपूर्णा के रूप में विराजमान हैं और उन्होंने खुद भगवान भोले को भिक्षा दी थी. तभी से मिले वरदान के तहत माना जाता है कि काशी में कोई भी शख्स भूखे नहीं सो सकता. क्योंकि उसका पेट खुद मां अन्नपूर्णा भरती हैं. इतनी बड़ी मान्यता को अब और मजबूती मिलने जा रही है, क्योंकि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ईशान कोण में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित होने जा रही है.

ये मूर्ति सामान्य मूर्ति नहीं है, बल्कि लगभग 100 साल पहले ये चोरी होकर कनाडा चली गई थी. भारत सरकार की कोशिश और लंबे इंतजार के बाद अब यह मूर्ति वापस काशी लौट रही है और पूरे विधि विधान और हर्षोल्लास के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ईशान कोण में सीएम योगी के हाथों स्थापित होगी. जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.

वहीं अन्नपूर्णा मूर्ति के आगमन, स्वागत और विधि विधान से पूजन के बारे में ‘आज तक’ ने वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से बात की, दीपक अग्रवाल ने बताया कि करीब 100 साल पहले काशी से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति चोरी होकर चली गई थी. जो विभिन्न चरणों से होते हुए कनाडा पहुंच गई. अब प्रधानमंत्री जी के प्रयास से मूर्ति वापस भारत में आ गई है और उसको पुनः स्थापित करने का गौरव काशी विश्वनाथ मंदिर को मिला है.

इसी 11 नवंबर को दिल्ली से चलकर 14 नवंबर को मूर्ति शाम में वाराणसी पहुंचेगी, 15 नवंबर को विधि विधान से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की स्थापना काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में होगी. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर में एक नए गौरवशाली इतिहास की शुरुआत होगी. जिसके बाद हजारों-लाखों लोगों को भी काशी विश्वनाथ के दर्शन के साथ मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन हो सकेंगे.

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ऐसे पहुंचेगी वाराणसी मूर्ति

वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि मां अन्नपूर्णा की मूर्ति जौनपुर से एक रथयात्रा के साथ वाराणसी आएगी. वाराणसी आने पर पर शहर के प्रमुख मंदिरों में मूर्ति को भ्रमण करवाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में लाया जाएगा. 15 नवंबर को और उसी दिन सीएम योगी मूर्ति को रिसीव करेंगे और फिर मंदिर परिसर में साधु, संत और महात्माओं द्वारा मूर्ति का विधि-विधान से पूजन होगा. इस दौरान सीएम योगी और अन्य संत-महात्‍माओं का उद्बोधन भी होगा. काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ईशान कोण में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति एक मंदिर में स्थापित होगी. 10 नवंबर को वह मंदिर भी बनकर आ जाएगा.

दीपक अग्रवाल ने बताया वेदों और शास्त्रों में प्राण प्रतिष्ठा की विधि के अनुसार ही मां अन्नपूर्णा की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा होगी. पीएम मोदी के प्रयास से मूर्ति पुन: स्थापित होने जा रही है, यह बहुत ही खुशी की बात है. ईशान कोण में मूर्ति की स्थापना होगी.

Source : Aaj Tak

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