मुजफ्फरपुर : वर्तमान नगर निगम बोर्ड के बचे छह माह के लिए महापौर की खाली कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसका निर्णय शनिवार को हो जाएगा। महापौर की कुर्सी के दो दावेदारों-वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह व वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। इनमें से शहर का नया महापौर कौन होगा, इसका निर्णय निगम के 48 पार्षद करेंगे। कुर्सी के लिए कम से कम 25 पार्षदों का साथ चाहिए। शुक्रवार को दोनों उम्मीदवार पार्षदों को अपने पक्ष में साधने के लिए अंतिम दांव खेलने में लगे रहे।

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एक ओर राकेश कुमार समर्थक पार्षदों के साथ देर रात तक लक्ष्मी चौक स्थित मकान में डटे रहे। वहीं, नंद कुमार प्रसाद साह भी समर्थक पार्षदों के साथ डटे है। शनिवार को होने वाले चुनाव में दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। अब ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो शनिवार को ही पता चलेगा। इतना तय है कि दोनों खेमें भितरघात से सहमे हैं।

चार माह से चल रहा सियासी ड्रामा, होगा अंत : मुजफ्फरपुर नगर निगम में बीते चार माह से सियासी ड्रामा चल रहा है। उम्मीद है कि महापौर चुनाव के साथ ही यह समाप्त हो जाएगा और शहर के विकास को गति मिलेगी। निगम में सियासी ड्रामा तब शुरू हुआ था, जब 12 जुलाई को 18 पार्षद महापौर और उतने ही पार्षदों ने उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। काफी उठापटक के बाद 23 जुलाई को उपमहापौर व 24 जुलाई को महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर निगम बोर्ड की विशेष बैठक हुई। इसमें उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला की कुर्सी तो बच गई, लेकिन तत्कालीन महापौर सुरेश कुमार अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। तब उनके खिलाफ 31 पार्षदों ने मत दिया था। आठ पार्षदों ने उनके समर्थन में वोट किया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए हुई पिछली बैठक को निर्वाचन आयोग ने यह कहते हुए प्रक्रिया विरुद्ध करार दिया था कि पांच पार्षदों को समय पर सूचना नहीं दी गई थी। इसके आधार पर आठ अक्टूबर को महापौर की कुर्सी पर सुरेश कुमार को फिर से बहाल कर दिया गया था। इसके बाद फिर निगम के 25 पार्षदों ने 11 अक्टूबर को महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 30 अक्टूबर को बैठक हुई। इसमें एक बार फिर तत्कालीन महापौर को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इस बार निगम के 34 पार्षदों ने महापौर को हटाने के लिए मतदान किया। इस प्रकार महापौर को तीन माह में दूसरी बार अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

मेयर चुनाव को ले कलेक्ट्रेट में कड़ी सुरक्षा

महापौर चुनाव को लेकर समाहरणालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। चुनाव कार्य पूरा होने तक परिसर में वरीय पदाधिकारियों को छोड़कर सभी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। इसके लिए चार ड्राप गेट बनाए जाएंगे। विधि व्यवस्था को लेकर 11 मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों की जवानों के साथ तैनाती रहेगी। डीएम प्रणव कुमार व एसएसपी जयंत कांत ने इसे लेकर संयुक्त आदेश जारी किया है। मालूम हो कि समाहरणालय के सभाकक्ष में सुबह 11:30 बजे से महापौर का चुनाव होना है। जारी आदेश में इस अवधि में सभाकक्ष के मुख्य दरवाजे को छोड़कर सभी को बंद रखने को कहा गया है। प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट व कर्मचारी ही यहां प्रवेश करेंगे। विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार में एडीएम राजेश कुमार और डीएसपी मुख्यालय बैद्यनाथ सिंह रहेंगे।

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इस दौरान कलेक्ट्रेट में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में गश्ती भी की जाएगी। एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश व डीएसपी टाउन राम नरेश पासवान को शांति एवं विधि व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव के बाद विजयी जुलूस निकाले जाने पर भी रोक रहेगी। जिला पंचायती राज पदाधिकारी को लिखित आश्वासन लेने को कहा गया है।

Source : Daonik Jagran

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