मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल का दवा भंडार व ओटी शनिवार दोपहर प्रशासन ने सील कर दिया। वहीं तीन और मरीजों को पटना आईजीआईएमएस रेफर किया गया। इनका भी 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ था। रेफर किये जाने वाले मरीजों में बोचहां थाना के एतवारपुर की नगीना खातून, कुढ़नी थाना के छोटा सुमेरा के अकलू राम और पूर्वी चंपारण पकड़ी दयाल के राम अवध शर्मा हैं। सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि 22 नवंबर को जिन 65 लोगों की आंखों का आपरेशन हुआ था। उसमें ये तीन भी शामिल हैं। इनसे मोबाइल पर संपर्क किया गया था। जिसमे इन लोगों ने आंखों में तकलीफ होने की बात कही थी। इसके बाद इन्हें सदर अस्पताल बुलाया गया। यहां प्रारंभिक जांच करने के बाद आज एम्बुलेंस से भेजा गया। आईजीआईएमएस में इलाज की समुचित और अत्याधुनिक व्यवस्था है। वहां पर मरीजों के आंखों को बचाया भी जा सकता है। इसलिए मरीजों को एसकेएमसीएच में नहीं भेजकर सीधे पटना भेजा गया है। इनका इलाज सरकारी खर्च पर किया जाएगा।
तेज़ दर्द और मवाद आने की शिकायत
मरीज नगीना खातून ने बताया कि ऑपेरशन कराने के बाद घर चली गयी थी। इसके बाद सिर और आंख में तेज दर्द शुरू हो गया। दर्द असहनीय था। घर के सभी लोग परेशान हो गए। आंख से मवाद आने लगा। उनके स्वजन दोबारा जब मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल पहुँचे तो बताया गया कि अस्पताल बंद है। यहां इलाज नहीं होगा। इसके बाद वे लोग घर चले गए। अब किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने का सोच रहे थे। इसी दौरान सदर अस्पताल से कॉल आ गया। उसके बाद सीएस की पहल पर पटना जा रहे हैं।
मरीजों का बदला जाएगा क्रोनिया : सीएस ने बताया कि आईजीआईएमएस के डॉक्टर से उनकी बात हुई थी। बताया गया कि दो मरीजों की आंखों की रोशनी दोबारा से आ जायेगी। उनकी आंखों का क्रोनिया बदला जाएगा। सीएस ने बताया कि ये अच्छी खबर है। कहा कि सभी मरीजों से संपर्क हो गया है। जैसे जैसे मरीज आ रहे हैं। उन्हें पटना भेजा जा रहा है। इसके अलावा अन्य ज़िलों के सिविल सर्जन से भी संपर्क किया गया है। हर स्तर पर पहल चल रही है।
Source : Dainik Jagran
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