ग्रामीण क्षेत्रों के हर वार्ड में लगने वाले सोलर स्ट्रीट लाइट में रिमोट मॉनिटिरंग सिस्टम भी लगेंगे ताकि इन सभी स्ट्रीट लाइटों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जा सके। पंचायती राज विभाग ने इसको लेकर गाइडलाइन तय किया है। इसी के आधार पर ब्रेडा (बिहार रिन्यूएवल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) एजेंसियों के माध्यम से स्ट्रीट लाइट लगाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से लाइट लगाने का काम शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री सात निश्चय-2 के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के हर वार्ड में दस-दस एलईडी बल्ब लगने हैं। शहरों की तरह गांवों की गलियों में रात में रोशनी रहे, इसी उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई है। ग्राम पंचायतों को इसमें यह भी अधिकार रहेगा कि वह अपने पंचायत में दस अतिरिक्त बल्ब लगाने की अनुशंसा कर सकेंगी। इसके तहत अस्पताल, स्कूल, खेल के मैदान आदि जगहों पर का जगह पंचायतें चयनित कर सकती हैं। मुखिया और पंचायत सचिव की यह जिम्मेदारी होगी कि वह देखे की एजेंसी द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाने का काम ठीक ढंग से किया जा रहा है या नहीं। काम होने के बाद तकनीकी सहायक और पंचायत सचिव के द्वारा इसका प्रमाणपत्र दिया जाएगा कि सभी स्ट्रीट लाइट बेहतर ढंग से लगे हैं। अगर वे कहीं पर त्रुटि देखेंगे तो एजेंसी से कहकर उसे तत्काल दूर कराएंगे। इसके बाद ही एंजेंसी को राशि का भुगतान किया जाएगा।

एजेंसी पांच साल तक रख-रखाव करेगी

एजेंसी की ही जिम्मेदारी होगी कि वह स्ट्रीट लाइट का पांच सालों तक रख-रखाव करें। इसके लिए कुल योजना की 30 प्रतिशत राशि काम होने के बाद चरणवार एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। मालूम हो कि राज्य में एक लाख दस हजार से अधिक ग्रामीण वार्ड हैं। 15वें वित्त आयोग और छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत मिली राशि का उपयोग इस कार्य के लिए किया जाएगा।

Source : Hindustan

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