स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में मातृत्व-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) चलाया जाएगा। अब हाई रिस्क प्रसूती वाली महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग पहले के मुकाबले और अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा। प्रसव के पूर्व और बाद में जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की लगातार देखरेख करने के लिए आशा कार्यकर्ता को लगाया जायेगा। आशा मॉनिटरिंग कर ऐसी महिलाओं को इलाज में अधिक सहयोग प्रदान करेगी। 9 फरवरी से नई योजना को और प्रभावी बनाया जा रहा है।

श्री पांडेय ने कहा कि अब ऐसी हाईरिस्क वाली प्रसूता की पहचान होने के बाद आशा वर्कर्स को इन गर्भवती महिलाओं को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 3 विजिट करवाना आवश्यक होगा। इसके लिए प्रति विजिट पर मरीज और आशा को 100-100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता प्रसव के बाद 45 वें दिन उनके घर जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इसके उपरांत आशा को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से दी जाएगी।

कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार राज्य में भी इसे 9 फरवरी से लागू कर दिया जाएगा। उसके बाद प्रसव पूर्व जांच व इलाज में विशेषज्ञ चिकित्सकों के सहयोग से मरीजों को इलाज के दौरान पूरी मदद मिलेगी। उचित चिकित्सीय देखभाल से मातृ-मृत्यु दर में भी कमी लाने का विभाग का प्रयास निरंतर जारी है। विभाग इस दिशा में आशा को प्रोत्साहित कर जन-जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा है।

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