अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के साथ ही सीतामढ़ी में माता सीता का भव्य मंदिर निर्माण के लिए चौतरफा उठ रही मांगों के बीच रामायण रिसर्च काउंसिल के नेशनल को-ऑर्डिनेटर व जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हिमलायन योगी स्वामी स्वामी विरेंद्रानंद जी महाराज का एलान है कि माता सीता की विश्व में सबसे ऊंची 251 मीटर की प्रतिमा सीतामढ़ी में स्थापित होगी। मां जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी में भगवती सीता की प्रतिमा 251 मीटर ऊंची होगी। यह विशाल प्रतिमा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों का संवर्द्धन करेगा। माता सीता पर जितना अधिक कार्य करेंगे, नारी सशक्तीकरण को उतना अधिक बल मिलेगा। क्योंकि, जबतक यह धरती रहेगी माता सीता धैर्य व साहस का उदाहरण रहेंगी।

महामंडलेश्वर ने रविवार को शहर के राजोपट्टी स्थित सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ये बातें कही। इस मौके पर सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी मौजूद थे। उन्होंने माता सीता डॉट कॉम वेबसाइट का शुभारंभ किया। कहा कि मंदिर निर्माण से संबंधित कार्य की जानकारी को समय-समय पर वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा। ताकि, पूरे देश व विदेशों में रह रहे लोग भी इस विषय से अवगत रहेंगे। मौके पर काउंसिल के संस्थापक व महासचिव कुमार सुशांत, उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता व सचिव पितांबर मिश्रा मौजूद थे।

महामंडलेश्वर ने कहा कि हम काउंसिल के माध्यम से पूरे विश्व में माता सीता जी के जीवन दर्शन का प्रसार कर भारत को विश्व गुरु बनने में बल प्रदान करेंगे। इससे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त भारत को भी नया आयाम मिलेगा। काउंसिल ने इसके कार्यान्वयन के लिए श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया है। स्थानीय सुनील सांसद सुनील कुमार पिंटू को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। सांसद ने इस पुनीत कार्य के लिए काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित बागलामुखी माता मंदिर प्रांगण के श्री महंत परमहंस स्वामी सांदिपेंद्र जी महाराज के प्रति आभार प्रकट किया। कहा कि इस प्रतिमा के लिए दस एकड़ भूमि की आवश्यकता है। यहां विभिन्न मठ-मंदिरों के महंत से वार्ता कर जल्द ही स्थल को चिह्नित कर लेंगे। अगर जमीन दान में मिली तो ठीक नहीं तो खरीदी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से इस पुनित कार्य के लिए स्वीकारोक्ति दी गई है। इस कार्य के समन्वय व क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग, नगर विकास, वन पर्यावरण, पर्यटन, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, औद्योगिक और आवास विभाग से एक-एक नोडल अधिकारी भी नामित करने के लिए आग्रह किया जाएगा।

प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रूप में भगवती सीता की 108 प्रतिमाएं भी

काउंसिल के संस्थापक व महासचिव कुमार सुशांत ने कहा कि माता सीता की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रूप में भगवती सीता की 108 प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। जो उनके जीवन-दर्शन को बिना किसी शब्द के ही वर्णित कर देंगी। इन प्रतिमाओं के दर्शन के लिए इस स्थल को नौका विहार की तरह विकसित किया जाएगा। यहां पर भगवती सीता जी के जीवन दर्शन पर आधारित एक डिजिटल म्यूजियम, शोध संस्थान और अध्ययन केंद्र का भी निर्माण किया जाएगा। इस स्थल को एक पर्यटक व शक्ति स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां पर तुलसीदस, वाल्मिकी, केवट समेत रामायण के प्रमुख पात्रों की प्रतिमाएं भी स्थापित होगी।

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