बिहार में सरकारी कर्मियों के सेवा रिकार्ड, वेतन पर्ची, छुट्टी, स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति और अन्य लाभ हेतु ‘वन स्टॉप’ समाधान होगा। राज्य में एक अप्रैल, 2022 से वित्त विभाग के माध्यम से मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) लागू किया जाएगा। गुरुवार को वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त व सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश जारी किया।

डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रणाली बिहार सरकार के कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन से संबंधित गतिविधियों के लिए मुख्य प्रणाली होगी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के बीच मानव संसाधन प्रशासन की दक्षता बढ़ाना और उनकी प्रभावशीलता में सुधार करना है। साथ ही सभी सरकारी कर्मियों के लिए उनके सेवा रिकार्ड व अन्य लाभ हेतु समाधान के रुप में कार्य करेगा।

एचआरएमएस सॉफ्टवेयर को मुख्य रुप से राज्य के 38 जिलों में 44 विभागों के तहत मेकर, चेकर एवं एप्रुवर द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। इस प्रणाली को प्रथम चरण में एक अप्रैल 2022 से लागू करने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में पे-रोल प्रबंधन एवं कर्मचारियों के सेवापुस्तिका को ठीक रखने हेतु डाटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) को लागू किया जाएगा।

विभाग की ओर से जारी निर्देश के तहत सीएफएमएस में सभी प्रकार के कर्मचारी बिल, पे-रोल जेनरेशन, न्यू इम्पलाइ से संबंधित कार्यो 08 मार्च 2022 से बंद किए जाने हेतु प्रस्तावित है। ताकि एचआरएमएस में संबंधित कर्मियों के डाटा को स्थानांतरित किया जा सके। एचआरएमएस के एसआई द्वारा इसका सतत पालन किया जाएगा। विभाग ने सिस्टम इंट्रीग्रेटर द्वारा सभी लंबित कार्यो जैसे ई-साइन, एसएमएस आदि कार्य को एचआरएमएस लागू करने की निर्धारित तिथि से पूर्व करने को कहा है।

आईटी मैनेजर व आईटी सहायक प्रखंड, जिला, प्रमंडल और विभागीय स्तर पर मानव संसाधन के प्रथम चरण के क्रियान्वयन में सहायता करेंगे। क्यूआरटी का प्रशिक्षण सात फरवरी से शुरू किया गया है। इस संबंध में समय समय पर दिशा-निर्देश बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी द्वारा जारी होगा। इस हेतु मास्टर ट्रेनर एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत यूजर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा।

राज्य में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारी है

विभागीय सूत्रों के अनुसार राज्य के विभिन्न विभागों में करीब पांच लाख कर्मचारी कार्यरत है। इन सभी कर्मचारियों को नयी प्रणाली के लागू होने से लाभ होगा।

Source : Hindustan

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