पंजाब विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत हासिल करने के बाद अब आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी की टेंशन बढ़ाने का इरादा बना लिया है। जीहां, इस साल दिसंबर में गुजरात में होने वाले चुनावों में तगड़ी दावेदारी पेश करने की तैयारी में है। वहीं उसका इरादा दिल्ली में स्थानीय निकायों के चुनाव में भी परचम फहराने का होगा।

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सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टी
26 नवंबर, 2012, संविधान दिवस का मौका। इंजीनियर से लोकसेवक बने अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के साथियों संग मिलकर एक नई पार्टी लांच की। इस पार्टी का नाम था आम आदमी पार्टी। लक्ष्य बताया गया वैकल्पिक राजनीति मुहैया कराना। नौ साल तीन महीने के बाद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी देश की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली पार्टी बन चुकी है। पंजाब विधानसभा चुनाव में झाड़ू लगाने के बाद आप देश की पहली क्षेत्रीय पार्टी बन गई है, जिसने दूसरे प्रदेश में चुनाव जीता है। इसके साथ ही वह अन्य राज्यों में अपने फैलाव की तरफ ध्यान लगाने लगी है।

गुजरात में टक्कर देने की तैयारी
गौरतलब है कि गुजरात में भाजपा बेहद मजबूत मानी जाती है। आम आदमी पार्टी ने अपना लक्ष्य स्पष्ट कर लिया है कि गुजरात चुनावों में उसे सत्ताधारी भाजपा को टक्कर देना है। इस तरह से आम आदमी पार्टी कांग्रेस को पूरी तरह से पीछे छोड़ देना चाहती है। पंजाब की जीत के बाद आप के गुजरात प्रभारी गुलाब सिंह ने भी यह बात स्वीकार की। उन्होंने कहाकि आज की जीत ने हमारे गुजरात के काडर को काफी प्रेरित किया है। अगले नौ महीने में हम पुरजोर ढंग से तैयारी करेंगे और भाजपा को टक्कर देने वाली मुख्य पार्टी बनने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस को यहां लोग 27 साल से नकार रहे हैं। गुलाब सिंह ने कहाकि पंजाब में मिली जीत ने गुजरात में हमारे समर्थकों को एक नई उम्मीद से भर दिया है। उन्होंने बताया कि केजरीवाल और भगवंत मान अप्रैल के पहले हफ्ते में गुजरात आ रहे हैं। यहां पर हम लोग पंजाब में मिली जीत को सेलिब्रेट करेंगे। तब तक हमारा काडर 16 मार्च तक गुजरात की हर गली में विजय जुलूस निकालेगा। हम यहां कांग्रेस को पूरी तरह से उखाड़ फेंकेंगे।

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यूपी-उत्तराखंड में फीका रहा चुनाव
पांच राज्यों, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड मणिपुर में आम आदमी पार्टी ने चार में अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें पंजाब में पार्टी ने गुरुवार को शानदार जीत हासिल की। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस जीत के बाद भगवंत मान की एक फोटो ट्वीट की। इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा, इस इंकलाब के लिए पंजाब के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। गोवा में आप दूसरी बार चुनाव लड़ रही थी। शाम करीब पांच बजे तक गोवा में आम आदमी पार्टी एक सीट जीत चुकी थी और दूसरी पर आगे चल रही थी। केजरीवाल ने ट्वीट किया, आप गोवा में दो सीटें जीत रही है। बधाई, यह गोवा में ईमानादार राजनीति की शुरुआत है। हालांकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जहां कि आप पहली बार चुनाव लड़ रही थी, उसका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। पार्टी के दिल्ली कन्वेनर गोपाल राय ने भी यह बात स्वीकार की।

राष्ट्रीय ताकत बनने की ओर
इन राज्यों में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन पर दिल्ली में डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहाकि इन राज्यों में पार्टी पंजाब जितना ध्यान देने में सफल नहीं हुई। उन्होंने कहाकि हमने गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन हमारा ध्यान पंजाब पर ज्यादा था। धीरे-धीरे इन राज्यों में भी लोग हमारी पार्टी पर भरोसा करना शुरू कर देंगे। आम आदमी पार्टी के पंजाब के सहप्रभारी और दिल्ली के राजेंद्र नगर से विधायक राघव चड्ढा ने कहाकि हमारी पार्टी अब एक राष्ट्रीय ताकत बन चुकी है। उन्होंने कहाकि यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा दिन है। मैं निश्चिंत हूं कि एक दिन केजरीवाल देश का नेतृत्व करेंगे। राघव चड्ढा ने इस बात की उम्मीद जताई कि 2024 तक आम आदमी पार्टी कांग्रेस का एक स्वाभाविक विकल्प बन जाएगी। उन्होंने कहाकि यहां तक भाजपा को भी पहले दो राज्य जीतने में काफी समय लगा था।

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सिसोदिया ने बताया आम लोगों की जीत
मनीष सिसोदिया ने कहाकि चुनाव परिणाम दिखाते हैं शासन का केजरीवाल मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने लगा है। उन्होंने कहाकि केजरीवाल मॉडल में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के मौके और महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है। सिसोदिया ने कहाकि केजरीवाल भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों का सपना पूरा कर रहे हैं। यह आप की जीत नहीं है, बल्कि आम लोगों की जीत है। आप प्रवक्ता अक्षय मराठे ने कहाकि राष्ट्रीय राजनीति में आम आदमी पार्टी का उदय सबसे तेज होने के साथ-साथ बेहद ऑर्गेनिक भी है। उन्होंने कहाकि यह आप के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र के लिए भी एक ऐतिहासिक मौका है। कांग्रेस, भाजपा और लेफ्ट के बाद कांग्रेस मात्र चौथी पार्टी है जो दूसरे राज्य में भी सरकार बनाने में कामयाब रही है। यह एक नई राष्ट्रीय पार्टी बनने की तरफ अग्रसर है। दिल्ली में केजरीवाल मॉडल साबित हुआ और अब पंजाब ने उसे अपनाया है। जहां भी दिल्ली जैसी सरकार की मांग होगी, आप उसे पूरा करेगी।

ऐसा है आप का इतिहास
आम आदमी पार्टी ने स्थापना के एक साल के भीतर ही 2013 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने 15 साल से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्ववाली कांग्रेस को शिकस्त दी थी। आप को 28 सीटों पर जीत मिली थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि 49 दिनों के बाद राज्य विधानसभा में एक एंटी-करप्शन बिल अटकने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था। फिर 2015 में आप ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी और 70 सीटों में 67 पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं। 2020 में आप को मिली जीत इसलिए भी मायने रखती थी कि कोई भी पार्टी तब तक लगातार दो बार चुनाव में 50 फीसदी वोट शेयर हासिल करने में कामयाब नहीं रही थी। केवल 1980 और 1985 में कांग्रेस को बैक टू बैक मिली जीत ही अपवाद थी।

Source : Hindustan

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