हाल ही में बिहार में पंचायत चुनाव हुआ था. जीतने के बाद कुछ मुखियों की हत्या हो गई तो कहीं पर हमला हो गया. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बाद इस ओर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब वो अपनी सुरक्षा कर सकें और पंचायत में ठीक से काम कर सकें इसके लिए सरकार ने हथियार के लाइसेंस निर्गत करने का फैसला लिया है.

सुरक्षा को लेकर लगातार काम कर रही थी सरकार

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि दो लाख 57 हजार जो हमारे प्रतिनिधि हैं उनकी सुरक्षा की चिंता पर लगातार सरकार काम कर रही थी. कुछ दिन पहले कुछ मुखियों की हत्या हो गई थी. इसको देखते हुए 30 बिंदुओं पर काम किया और यह तय किया कि स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराधियों को जल्द सजा दिया जाए. गृह विभाग ने इससे संबंधित लिखित आदेश सभी जिलों के डीएम और एसएसपी या एसपी को दिया है.

किसे मिलेगा लाइसेंस?

इस संबंध में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जो लोग आवेदन करेंगे उन्हें आर्म्स लाइसेंस दिया जाएगा. इसके लिए गृह विभाग की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिया गया है. कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि जो भी प्रतिनिधि सुरक्षा की मांग करें उन्हें सरकारी स्तर पर अंगरक्षक मुहैया कराई जाए.

Source : ABP News

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