पुणे के होटल में ब्रह्मपुरा थाना की महिला सिपाही कविता की संदिग्ध स्थिति में हुई मौत के दो दिन बाद शनिवार की शाम शव का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजन एंबुलेंस से शव लेकर मुजफ्फरपुर लौट रहे हैं। कविता के पिता बृज पासवान ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने गर्दन की हड्डी टूटे होने की बात बताई है। शरीर पर चोट का जिक्र नहीं किया है। पैथोलॉजिकल जांच के लिए भी नमूना एकत्रित किया गया है। बृज पासवान ने बताया कि कविता के गले पर गहरा निशान था। उन्होंने एसएसपी जयंतकांत से मोबाइल पर बात की। एसएसपी ने भरोसा दिया कि शव लाने और पुणे में हुए तमाम खर्च मुजफ्फरपुर आने के बाद उन्हें दे दिया जाएगा। इधर, मां माया देवी ने बताया है कि कविता गर्भवती भी थी। वहीं, ब्रह्मपुरा थाने के दारोगा, सिपाही और दो अन्य लोगों को पुणे पुलिस ने शव के साथ नहीं आने दिया। अभी पुलिस टीम पुणे में रुकेगी। 94 लाख गबन के दो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दारोगा ओमप्रकाश प्रसाद ने शनिवार को छापेमारी करने की जानकारी दी। इधर, एसएसपी जयंतकांत लगातार पुणे पुलिस और कविता के परिजनों के संपर्क में हैं। पुणे के हिंजवड़ी थाने की पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। इसपर ही आगे की कार्रवाई निर्भर होगी।
सोशल मीडिया पर उठी जांच की मांग
सोशल साइट्स पर कविता की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अकेली महिला सिपाही को पुरुष टीम के साथ भेजने पर भी सवाल उठाया है। पोस्ट में कहा गया है कि शव का पोस्टमार्टम 24 घंटे के अंदर होना चाहिए था। हालांकि, सोशल प्लेटफॉर्म पर चलाये जा रहे अभियान की ‘हिन्दुस्तान’ पुष्टि नहीं करता है। पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव रामेंद्र सिंह यादव ने कहा कि शव मुजफ्फरपुर आने के बाद ही संगठन की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया दी जाएगी।
परिजनों के पहुंचने से पहले आत्महत्या का आवेदन
पिता बृज पासवान व पति भूपेंद्र पासवान ने बताया कि उनलोगों के पहुंचने से पहले ही ब्रह्मपुरा थाना के दारोगा हिंजवड़ी थाने में आत्महत्या का आवेदन दे चुके थे। पिता और पति का भी पुणे पुलिस ने बयान दर्ज किया। इसमें कविता हत्या की आशंका जताई है। सवाल उठाया कि मौत के करीब चार घंटे के बाद परिजनों को सूचना दी गई।
छापेमारी के लिए गई टीम के साथ वादी पक्ष भी
पुणे गई ब्रह्मपुरा पुलिस टीम के साथ वादी पक्ष के भी दो लोग साथ में हैं। इसपर भी कविता के परिजनों ने सवाल उठाया है। होटल में तीन कमरे लिए गए थे। एक कमरे में कविता अकेली थी जबकि डबल बेड के दो कमरे में अन्य साथी सिपाही रुके थे। दूसरे कमरे में ठगी का केस करने वाले पक्ष के दो लोग ठहरे थे।
15 दिन पहले कविता को भेजा गया था आगरा
बृज पासवान ने बताया कि पुणे जाने से 15-20 दिन पहले कविता को ब्रह्मपुरा पुलिस टीम के साथ आगरा भेजा गया था। उस समय भी पुरुष टीम के साथ अकेली महिला सिपाही को भेजा गया था। उसे ही बार-बार बाहर भेजने के लिए कमान काटा जा रहा था। आगरा से लौटने के बाद वह पुणे नहीं जाना चाह रही थी।
Source : Hindustan