हमेशा कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान को भारत ने एक दांव से चारों खाने चित कर दिया है। भारत ने पर्यटन पर जी20 के कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक का आयोजन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में किया है। पाकिस्तान के विरोध के बावजूद कई वैश्विक नेताओं समेत G-20 समूह के 122 प्रतिनिधि सोमवार को श्रीनगर पहुंचे। ये नेता अगले तीन दिन तक वहां रहेंगे। राज्य प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।
G20 delegation arrived in srinagar pic.twitter.com/rMjKHL5Kbx
— Rouf Wani, Socio- political/Environmental Activist (@RoufWan82794470) May 22, 2023
कश्मीर पहुंचने पर विदेशी मेहमानों का स्वागत जी-20 की संयुक्त सचिव भावना सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। श्रीनगर हवाई अड्डे पर जैसे ही विदेशी मेहमान पहुंचे उनके स्वागत में उन पर पुष्पवर्षा की गई और उनके सम्मान में पारंपरिक संगीत बजाया गया।
#G20Kashmir
Delegates welcomed at Srinagar.
J&K welcomes you wholeheartedly. @PMOIndia @HMOIndia @OfficeOfLGJandK @kasheer_w @konnectokavita @proudin37530066 @VGK_India @BrigMps @major_pawan @bkum2000 @majorgauravarya pic.twitter.com/Wc5otSgqJs— Sheeraz Zaman (@sherazzaman) May 22, 2023
मेहमानों का स्वागत केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने भी श्रीनगर हवाई अड्डे पर किया। जम्मू और कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य रूपों का एक जातीय और शानदार प्रदर्शन भी किया गया। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल सुबह 10:30 बजे चार्टर्ड विमान से नई दिल्ली से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंच चुका था।
इस मीटिंग के मायने इसलिए भी ज्यादा हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद श्रीनगर में यह पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक हो रही है।अधिकारियों ने बताया कि जी20 समूह के कई देशों के प्रतिनिधि कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह एक चार्टर्ड विमान से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे।
उन्होंने बताया कि मार्ग पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती के बीच प्रतिनिधियों को बैठक स्थल शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेन्शन सेंटर (एसकेआईसीसी) ले जाया गया। प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए मार्ग में कई स्थानों पर दीवारों और होर्डिंग्स पर पेंट से जी20 का ‘लोगो’ बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम का सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।अधिकारियों ने बताया कि जहां एसकेआईसीसी के आसपास के बुलेवार्ड रोड को तीन दिनों के लिए ‘नो-गो जोन’ (आवाजाही पर प्रतिबंध) बना दिया गया है, वहीं प्रतिनिधि जिस मार्ग से गुजरेंगे, वहां और हवाईअड्डे से डलगेट तक के मार्ग पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
बैठक के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 122 प्रतिनिधि सहित 20 पत्रकार पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर में या अन्यत्र लोगों की आवाजाही पर या सार्वजनिक परिवहन पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने बताया कि जनजीवन सामान्य है, दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान और दिनों की तरह ही खुले हुए हैं और कामकाज जारी है।
बता दें कि पाकिस्तान के इशारे पर चीन ने भी कश्मीर में जी-20 की मीटिंग किए जाने पर टांग अड़ाने की कोशिश की थी। ड्रैगन ने कहा था कि वह किसी भी ‘विवादित क्षेत्र’ में बैठक आयोजित करने का विरोध करता है। चीन इसमें शामिल नहीं हो रहा है। इस तरह पाकिस्तान और चीन इस मुद्दे पर अकेला पड़ गए हैं। इसके साथ ही तुर्की और सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान का साथ दिया है।
उधर, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे कई ताकतवर और विकसित देशों के प्रतिनिधि कश्मीर पहुंचे हैं। दरअसल, पाकिस्तान चाहता है कि पूरी दुनिया को ऐसा कभी आभास नहीं हो कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति एक शांत राज्य की तरह सामान्य है लेकिन भारत ने दांव चलकर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
Source : Hindustan