दिल्ली हिं’सा की तस्वीरे अब साफ होने लगीं है, लोग बोलने लगे है और गु’नाहगार पहचाने जाने लगे है, दिल्ली चांदबाग इलाके में हुए दं’गे में आम आदमी पार्टी के पार्षद, ताहिर हुसैन के हाथ खू’न से सने पाए गये, नौजवान आईबी एजेंट- अंकित को मौ’त के घाट उ’तारने वाला भी केजरीवाल का दुलारा – ताहिर हुसैन निकला, दरअसल जिन लोगों ने ताहिर हुसैन को अपना नेता वोट देकर चुना था, वहीं अपने इलाके के एक ख़ास ध’र्म के लोगों को मारने में सबसे आगे था.

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ताहिर हुसैन जैसे लोग ही जब जन प्रतिनिधि हो जाये तो कौन सुनेगा जनता की, दंगा की तस्वीरों के देख रूह कांप जा रही है, सोचो किस दर्द को सहन किया होगा अंकित और विनोद जैसे मारे जाने वाले लोगो ने,
,सच मे बहुत भयावह स्तिथी है..

https://twitter.com/scribe_prashant/status/1232893438246424577

दंगे के दौराण ताहिर हुसैन ने घर के पांच मंजिला इमारत पर सैकड़ो लोगो की भीड़ इकट्ठा कर रखी थी और लगातर पत्थरबाज़ी और पेट्रोल बम फेंक रहा था इन सब की गवाही दे रहे है चांदबांग के लोग, इस दंगा में मारे गए अंकित के पिता चीख चीख कर कह रहे है कि ताहिर हुसैन के लोगों ने ही अंकित को मारा है, अब वो वीडियो भी सामने आ चुका है जिसमें ताहिर हुसैन अपने घर के पांच मंजिले से पेट्रोल बम फेंकवा रहा है, दंगे के पीछे आम आदमी पार्टी के नेता का होने की बात से लोग खुद को कोस रहे है कि उन्होंने मुफ्तखोरी के चक्कर में दंगाई को चुन लिया.

Delhi

विनोद और अंकित के घर वाले छटपटाहट में इनके पत्नी बच्चें बेशुद है, विनोद का आधा जला लाश जब घर पर पहुँचा, परिजन पागल हो गए , अंकित की माँ बार- बार बेहोश हो जा रही है, बेरहम ताहिर हुसैन और उसके जैसे दंगाई ने उफ्फ तक नहीं किया और कई घरों के खुशियों को फूक दिया, वो कहते है ना-

“उम्र बीत जाती है, एक घर बनाने में,

तुम उफ़्फ़ तक नही करते, बस्तियों को जलाने में.

– सच में ये वक़्त बहुत नाजुक है, अंकित, विनोद और रत्नलाल जैसे 2 दर्जन से अधिक लोग मार दिए गए, सवाल मन में कराह रहा है- क्या इसी हिंदुस्तान की गाँधी ने कल्पना कि थी ?

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...

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