भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर की रिहाई मामले में नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तान के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अभिनंदन की रिहाई के पाकिस्तान सरकार के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि अभिनंदन पाकिस्तान में हमला करने आए थे इसलिए उनकी रिहाई पर रोक लगनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता की इस अर्जी पर दोपहर बाद सुनवाई हो सकती है। इमरान खान ने गुरुवार को पाकिस्तानी संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय पायलट को शुक्रवार को छोड़ा जाएगा।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस अर्जी पर सुनवाई करने के लिए तैयार होता है कि नहीं, यह बड़ा प्रश्न है। प्रथम दृष्ट्या इस अर्जी में जो दलील दी गई है, उसमें कोई वजन नजर नहीं आता क्योंकि रिहाई का फैसला वहां की सरकार ने किया है और भारतीय पायलट की रिहाई जेनेवा कंन्वेंशन के अनुरूप हो रही है।
बता दें कि 26 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने आए पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों को भारतीय वायु सेना के विमानों ने पीछा किया। भारतीय बेड़े में शामिल एक मिग-21 विमान को अभिनंदन उड़ा रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। इस दौरान उनका विमान दुश्मन दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वह पैराशूट के जरिए नीचे उतर गए। अभिनंदन जब नीचे उतरे तो उन्होंने खुद को पीओके में पाया और इसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।
अपने पायलट अभिनंदन की रिहाई के लिए भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयास तेज किए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत के दबाव के चलते पाकिस्तान को झुकना पड़ा और उसने अभिनंदन की रिहाई का फैसला किया। अभी तक जो जानकारी है उसके मुताबिक अभिनंदन वाघा बॉर्डर के जरिए हिंदुस्तान पहुंचेंगे। भारतीय पायलट की घर वापसी की खबर पाकर देश भर में खुशी की लहर है। अभिनंदन का स्वागत करने के लिए भारी संख्या में लोग सुबह से ही वाघा बॉर्डर पर जुट गए।